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साबिर के भाजपाई होने पर भड़के नकवी

भाजपा विवादों से बाहर नहीं निकल पा रही है। कर्नाटक में श्रीराम सेना के विवादित नेता प्रमोद मुथालिक को शामिल कराकर फजीहत झेल चुकी पार्टी अब साबिर अली को लेकर घिर गई है। पार्टी उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने सार्वजनिक विरोध जताते हुए स्पष्ट कर दिया कि साबिर को बाहर का रास्ता दिखाना ही पड़ेगा। उन्होंने सीधा आरोप लगाया कि आतंकी भटकल और दाऊद इब्राहिम से उसके रिश्ते रहे हैं। अब पार्टी नेतृत्व में खलबली मची है।

By Edited By: Published: Fri, 28 Mar 2014 04:35 PM (IST)Updated: Sat, 29 Mar 2014 05:53 PM (IST)
साबिर के भाजपाई होने पर भड़के नकवी
साबिर के भाजपाई होने पर भड़के नकवी

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भाजपा विवादों से बाहर नहीं निकल पा रही है। कर्नाटक में श्रीराम सेना के विवादित नेता प्रमोद मुथालिक को शामिल कराकर फजीहत झेल चुकी पार्टी अब साबिर अली को लेकर घिर गई है। पार्टी उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने सार्वजनिक विरोध जताते हुए स्पष्ट कर दिया कि साबिर को बाहर का रास्ता दिखाना ही पड़ेगा। उन्होंने सीधा आरोप लगाया कि आतंकी भटकल और दाऊद इब्राहिम से उसके रिश्ते रहे हैं। अब पार्टी नेतृत्व में खलबली मची है।

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बिहार में रामविलास पासवान और उपेंद्र कुशवाहा को शामिल कराने के बाद फिर से छक्का मारने की कोशिश में भाजपा अपने ही खिलाड़ी के हाथों आउट हो गई है। दरअसल पार्टी चाहती थी कि साबिर को शामिल कराकर अल्पसंख्यकों के साथ-साथ जदयू को भी संदेश दिया जाए। लेकिन खुद ही फांस में उलझ गई। इस संभावना को भी नहीं नकारा जा सकता है कि साबिर भी मुथालिक की तरह ही अगले दरवाजे से भाजपा मे घुसकर पिछले दरवाजे से बाहर हो जाएं।

साबिर के भाजपा में शामिल होने के साथ ही नकवी ने ट्वीट कर कहा- 'भटकल के दोस्त भाजपा में ..अब दाऊद की बारी..।' दैनिक जागण से बातचीत मे उन्होंने कहा कि 'भटकल मुंबई में साबिर के घर से पकड़ा गया था। गुलशन कुमार हत्या मामलें में दाऊद के साथ साबिर की भूमिका घेर में थी। ऐसा व्यक्ति भाजपा में कैसे आ सकता है। मैं उसे बर्दाश्त नहीं कर सकता। ' उन्होंने आगे कहा कि भाजपा में कोई यह बताने को तैयार नहीं है कि किसने कहने पर उस शामिल कराया गया है।

ट्वीट आते ही भाजपा नेतृत्व में भी सलाह-मशविरा का दौर शुरू हो गया। सूत्रों के अनुसार साबिर को लेकर शुरू से संदेह तो था लेकिन शायद जोश कुछ ज्यादा था। बताते हैं कि शामिल कराने से पहले भी कुछ नेताओं ने आशंका जताई थी लेकिन उन्हें आश्वस्त कर दिया गया था कि साबिर के उपर चल रहे केस खत्म हो गए हैं। अब जबकि पार्टी के अंदर ही खुलेआम आवाज उठ गई है तो स्थिति संभालने की कवायद तेज हो गई। सूत्रों के अनुसार साबिर से जुड़े सभी मामलों पर जानकारी इकट्ठी की जा रही है। बहरहाल आशंका है कि साबिर भी मुथालित की गति को प्राप्त हो सकते हैं।

गौरतलब है कि नमो की प्रशंसा कर जदयू नेतृत्व का कोप झेल चुके साबिर शुक्रवार को भाजपा में शामिल हुए तो कहा कि उन्होंने ठोक बजाकर देख लिया है, अल्पसंख्यकों का भी विकास भाजपा के ही शासन में हो सकता है। साबिर ने भाजपा प्रभारी धर्मेद्र प्रधान, महासचिव जेपी नड्डा और प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ले ली।

'साबिर अली के मुंबई आवास से भटकल पकड़ा गया था। गुलशन कुमार हत्या मामले में दाऊद के साथ साबिर का नाम है, मैं उसे भाजपा में कैसे बर्दाश्त कर सकता हूं।' -मुख्तार अब्बास नकवी, भाजपा उपाध्यक्ष

पढ़ें: नमो-नमो करने पर नीतीश ने साबिर को निकाला


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