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कांग्रेसी राज्यपाल कटाने लगे वापसी का टिकट

नई दिल्ली, मुकेश केजरीवाल। चुनाव नतीजे आने से पहले ही देशभर के राजभवनों में बैठे कांग्रेसी नेताओं में खलबली मच गई है। कर्नाटक के राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से अपना इस्तीफा देने की इजाजत तक मांग ली है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार तय मानकर 1

By Edited By: Published: Mon, 12 May 2014 08:38 PM (IST)Updated: Mon, 12 May 2014 11:59 PM (IST)
कांग्रेसी राज्यपाल कटाने लगे वापसी का टिकट
कांग्रेसी राज्यपाल कटाने लगे वापसी का टिकट

नई दिल्ली, मुकेश केजरीवाल। चुनाव नतीजे आने से पहले ही देशभर के राजभवनों में बैठे कांग्रेसी नेताओं में खलबली मच गई है। कर्नाटक के राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से अपना इस्तीफा देने की इजाजत तक मांग ली है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार तय मानकर 19 महामहिमों ने वापसी की तैयारी शुरू कर दी है।

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कांग्रेस के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक पूर्व कानून मंत्री और कर्नाटक के राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने तो सोमवार को अंतिम चरण का मतदान जारी रहते ही पार्टी अध्यक्ष को इस्तीफे का प्रस्ताव भेज दिया। उन्होंने नतीजे आते ही इस्तीफा सौंपने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष से इजाजत मांगी है। हालांकि पार्टी या राजभवन इस बारे में सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहना चाहते, ताकि यह संदेश न जाए कि नतीजे आने से पहले ही पार्टी ने हार मान ली है।

सबसे ज्यादा चिंतित वे राज्यपाल हैं जो इस पद पर आने के बावजूद या हाल तक राजनीतिक रूप से काफी सक्रिय रहे हैं। कुछ महीने पहले तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं और विधानसभा चुनाव में हार के बाद केरल की राज्यपाल बनाई गईं शीला दीक्षित, पूर्व गृह मंत्री व पंजाब के राज्यपाल शिवराज पाटिल, पार्टी की पूर्व महासचिव से राजस्थान की महामहिम बनीं मारग्रेट अल्वा और गुजरात में कई मौकों पर राज्य सरकार से टकराव मोल ले चुकीं कमला बेनीवाल इनमें सबसे ऊपर हैं।

उत्तर प्रदेश के बीएल जोशी, उत्तराखंड के अजीज कुरैशी, बिहार के डीवाई पाटिल, झारखंड के सैयद अहमद, हिमाचल प्रदेश की उर्मिला सिंह, महाराष्ट्र के के शंकरनारायणन, तमिलनाडु के के रोसैया, ओडिशा के एससी जमीर, सिक्किम के श्रीनिवास पाटिल, असम के जानकी बल्लभ पटनायक, पुडुचेरी के विजेंद्र कटारिया, मिजोरम के वी पुरुषोत्तमन, नगालैंड के अश्विनी कुमार और त्रिपुरा के देवानंद कुंवर भी नई सरकार आने पर अभी से अपने लिए नई भूमिका तलाश रहे हैं। इनमें से कुछ को ही पार्टी में फिर से सक्रिय भूमिका मिलने की उम्मीद है। ये लोग लगातार पार्टी नेतृत्व के संपर्क में बने हुए हैं। पार्टी ने हालांकि उन्हें नतीजे आने तक पूरी तरह खामोशी कायम रखने को कहा है।

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