नक्सलियों ने लाल की छत्तीसगढ़ की धरती
रायपुर [नई दुनिया ब्यूरो]। माओवादियों ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने की साजिश के तहत छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान से पहले जबरदस्त कहर बरपाया है। शनिवार को राज्य के बीजापुर और सुकमा जिलों में माओवादियों द्वारा किए गए दो हमलों में सुरक्षा बलों के छह जवानों समेत 15 लोगों की जान चली गई, वहीं एक दर्जन लोग घायल हुए हैं।
रायपुर [नई दुनिया ब्यूरो]। माओवादियों ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने की साजिश के तहत छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान से पहले जबरदस्त कहर बरपाया है। शनिवार को राज्य के बीजापुर और सुकमा जिलों में माओवादियों द्वारा किए गए दो हमलों में सुरक्षा बलों के छह जवानों समेत 15 लोगों की जान चली गई, वहीं एक दर्जन लोग घायल हुए हैं।
घोर नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में जहां माओवादियों ने राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही संजीवनी एंबुलेंस को बारूदी सुरंग विस्फोट से उड़ा दिया वहीं बीजापुर में पोलिंग पार्टी को लेकर वापस लौट रही बस को पहले बम से उड़ाया फिर निहत्थे मतदानकर्मियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। माओवादियों द्वारा एंबुलेंस और यात्री बस पर किया गया यह पहला हमला है। दोनों हमले एक घंटे से भी कम समय के अंतर पर हुए।
सुकमा में घटी घटना के संबंध में बताया जाता है कि कांबिंग से लौट रही सीआरपीएफ जवानों की टुकड़ी सड़क मार्ग से अपने बेस कैंप की ओर लौट रही थी। रास्ते में उन्होंने राज्य सरकार की एंबुलेंस सेवा में लगे वाहन संजीवनी 108 को हाथ दिया और उसमें बैठ गए। झीरम घाटी से लगभग एक किलोमीटर पहले तीरथगढ़ इलाके में दरभा बागलाफड़ा मोड़ के पास जैसे ही एंबुलेंस पहुंची, माओवादियों ने उसे बारूदी सुरंग से उड़ा दिया। विस्फोट से एंबुलेंस वाहन के परखच्चे उड़ गए।
इस घटना में एंबुलेंस का ड्राइवर और एक मेडिकल स्टाफ भी मारा गया, इस घटना में पांच लोगों के घायल होने की खबर है। चार घायल जवानों और मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि वाहन का इंजन लगभग 20 मीटर दूर जा गिरा। माओवादियों द्वारा हमले में मृत जवानों से हथियार लूटे जाने की भी खबर है। इसी इलाके में प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले 25 मई, 2013 को हुए नक्सली हमले में कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं समेत 27 लोग मारे गए थे।
उधर बीजापुर में इवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) लेकर लौट रहे मतदान कर्मियों की एक बस को पूर्वाह्न करीब 11 बजे निशाना बनाया गया। घटना के संबंध में बताया जाता है कि उस इलाके में लगातार हो रही माओवादी वारदातों की वजह से मतदान दल को कुटरू थाने के पास पिछले दो दिनों से रोका गया था। शनिवार सुबह इन मतदानकर्मियों को लेकर लगभग दो सौ जवानों की टीम कुटरू से रवाना हुई। चूंकि रास्ता लंबा था इसलिए मतदानकर्मी राजस्थान ट्रेवल्स की बस पर सवार हो गए। इस बीच केतुलनार इलाके में पहले से घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर बस को उड़ा दिया।
विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि बस दूर जा गिरी। इस घटना में सात लोग मारे गए जबकि आधा दर्जन घायल हुए। छह कर्मियों की मौत मौके पर ही हो गई जबकि एक ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ा। यहां पर नक्सलियों का यह हमला लगातार दूसरे दिन हुआ है। शुक्रवार को हुए ऐसे ही हमले में दो सीआरपीएफ कर्मी घायल हो गए थे। पुलिस विभाग से जुड़े सूत्रों कि मानें तो बीजापुर में घटी घटना को लेकर खुफिया विभाग ने पहले से ही सटीक जानकारी दे रखी थी।
दरभा की घटना में शिकार हुए लोग
सीआरपीएफ की 80 वीं बटालियन के निरीक्षक एनके राय, उप निरीक्षक कांति भाई, आरक्षक- सीताराम, नरेश कुमार, दिनेश कुमार, उमेश कुमार, एंबुलेंस चालक वासु सेठिया और टेक्नीशियन श्रवण कुमार।
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हाल के दिनों के बड़े हमले
- 11 अप्रैल 2014 - छत्तीसगढ़ के बीजापुर में बम धमाके में दो सीआरपीएफ जवान घायल
- 10 अप्रैल 2014 - बिहार के मुंगेर जिले में बारूदी सुरंग धमाके में दो सीआरपीएफ जवान शहीद
- 07 अप्रैल 2014- बिहार के औरंगाबाद में बारूदी सुरंग विस्फोट में सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट सहित तीन जवान शहीद
- 04 अप्रैल 2014 - छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में धमाके में एक जवान घायल।
-11 मार्च, 2014 - छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में धमाके में 15 सीआरपीएफ जवान शहीद