शिवसेना की मोदी समर्थकों पर आपत्तिजनक टिप्पणी
शिवसेना मुखपत्र 'सामना' में संपादकीय लिखा गया है कि मुंबई में रह रहे मोदी समर्थक गुजरात के बिजनेसमैन महाराष्ट्र दिवस नहीं मनाते हैं।
मुंबई। महाराष्ट्र में मतदान हो चुका है, लेकिन शिवसेना ने अब जो बात कही है, शायद वह भाजपा और खासतौर पर उसके पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को रास न आए।
शिवसेना मुखपत्र 'सामना' में संपादकीय लिखा गया है कि मुंबई में रह रहे मोदी समर्थक गुजरात के बिजनेसमैन महाराष्ट्र दिवस नहीं मनाते हैं। इतना ही नहीं, इन मोदी समर्थकों पर मुंबई का ठीक उसी तरह शोषण करने का आरोप भी लगाया गया, जिस तरह किसी वेश्या का शोषण किया जाता है।
लिखा गया है कि ये सभी व्यापारी कहते हैं, हम बहुत खुश हैं। अपना धंधा करते हैं, किसी राजनीति में नहीं पड़ते, लेकिन जब अपने प्रदेश का कोई नेता प्रधानमंत्री पद की दौड़ में आया तो सब एक साथ आ गए। सवाल यह है कि ये लोग महाराष्ट्र दिवस मनाने के लिए आगे क्यों नहीं आते?
मालूम हो, हर साल 01 मई को महाराष्ट्र दिवस मनाया जाता है। 1960 में इसी दिन बॉम्बे स्टेट को महाराष्ट्र और गुजरात में बांटा गया था।
कभी एक लोटा लेकर आए थे
- गुजरातियों की खिंचाई जारी रखते हुए आगे लिखा गया- ये मुंबई में रहते हैं, यहां की सुख-सुविधाओं का लाभ उठते हैं।
- कभी हाथ में खाली लोटा लेकर आए थे, आज अपने सोने के महल खड़े कर लिए हैं। आज यहां बैठकर तय कर रहे हैं कि किस प्रधानमंत्री बनना चाहिए और किसे नहीं।
- जिस तरह गुजराती मोदी के लिए आगे आए हैं, उन्हें शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र के लिए भी आगे आना चाहिए।
- मुंबई के गुजराती बहुल इलाकों का नाम लेते हुए लिखा गया कि यहां के रईस कभी महाराष्ट्र नहीं मनाते।
अब दे रहे सफाई
मुंबईकरों ने एक साथ आकर, चाहे मराठी हों या गुजराती, कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने का फैसला किया है। शिवसेना के राज में कभी गुजरातियों पर संकट नहीं आया है। गुजराती भी हमेशा शिवसेना और बाला साहब ठाकरे के साथ रहे। - सुभाष देसाई, 'सामना' के प्रकाशक