अफवाहों की वजह से कोविड-19 वैक्‍सीन से दूर जा सकते हैं लोग

Misinformation could prompt people to turn against Covid19 vaccines अफवाहों के कारण कोविड-19 वैक्‍सीन को लोग नकार रहे हैं विशेषकर महिलाओं की संख्‍या पुरुषों की तुलना में अधिक है जो इस वैक्‍सीन को अपनाने से मुकर रहीं हैं।

By Monika MinalEdited By: Publish:Fri, 13 Nov 2020 10:43 AM (IST) Updated:Fri, 13 Nov 2020 10:43 AM (IST)
अफवाहों की वजह से कोविड-19 वैक्‍सीन से दूर जा सकते हैं लोग
लोगों को दूर ले जा सकती है वैक्‍सीन को लेकर फैली भ्रांतियांं

 लंदन, रॉयटर्स। पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्‍या काफी अधिक है जो कोविड-19 वैक्‍सीन से इनकार कर रहीं हैं। लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि वे वैक्‍सीन लेंगी यदि यह उनके परिवार, मित्र व अन्‍य समूहों की बात होगी। यह शोध दो देशों के 8 हजार लोगों पर किया गया।  

गुरुवार को आए शोध के परिणामों के अनुसार, गलत जानकारियों से वैक्‍सीन के प्रति लोगों में अविश्‍वास बढ़ गया है। ऐसी अफवाहें फैली हैं कि अमेरिका और ब्रिटेन में जो कोविड-19 वैक्‍सीन लगाई गई हैं वो समुदाय की रक्षा करने के लिए पर्याप्‍त नहीं है। सोशल मीडिया के इस दौर में वैक्सीन से जुड़ी अफवाहें और फर्जी खबरें भी खूब सामने आ रही हैं। 

शोध के अनुसार, कुछ लोग तो इस वैक्‍सीन को लेंगे लेकिन यह आंकड़ा पहले वैज्ञानिकों द्वारा सुनिश्‍चित किए गए आंकड़ों जितना नहीं होगा। लंदन स्‍कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसीन के प्रोफेसर हाइदी लार्सन (Heidi Larson) ने कहा, 'वैक्‍सीन तभी काम करता है जब लोग इसे लेंगे। गलत जानकारी और भ्रांतियां लोगों में संदेह पैदा कर रही और वे कोविड वैक्‍सीन के साथ-साथ जिन प्‍लेटफार्म पर इन्‍हें विकसित किया जा रहा है उसे लेकर आश्‍वस्‍त नहीं हो पा रहे हैं। इस सप्‍ताह एक दिग्‍गज वैक्‍सीन के बेहतरीन परिणामों के बाद यह शोध सामने आई है।

Pfizer Inc. ने सोमवार को बताया कि इसके प्रायोगिक कोविड-19 वैक्‍सीन का परिणाम 90 फीसद अधिक प्रभावी होगा। इस शोध में शामिल प्रत्‍येक देश के 3 हजार निवासियों तक कोविड-19 वैक्‍सीन से जुड़ी भ्रांतियां पहुंची है। वहीं इन देशों के बचे 1000 लोगों ने कंट्रोल ग्रुप के तौर पर काम किया और वैक्‍सीन के बारे में तथ्‍यात्‍मक जानकारी दी। पिछले साल के अंत में चीन के वुहान से निकले घातक कोरोना वायरस से अब तक  पूरी दुनिया त्रस्‍त है। गत 11 मार्च को इस संक्रमण को विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने महामारी के तौर पर घोषित कर दिया था। 

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