रूस में थम नहीं रहे नवलनी समर्थकों के प्रदर्शन, मास्को में फिर बड़ी रैली निकालने की योजना

रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के धुर विरोधी एलेक्सेई नवलनी की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन का सिलसिला थम नहीं रहा है। शनिवार को भी रूस के कई शहरों में विरोध में प्रदर्शन किए गए। पुलिस की कठोर कार्रवाई का भी प्रदर्शनकारियों में कोई भय नहीं दिखा।

By TaniskEdited By: Publish:Sun, 31 Jan 2021 02:43 PM (IST) Updated:Sun, 31 Jan 2021 02:43 PM (IST)
रूस में थम नहीं रहे नवलनी समर्थकों के प्रदर्शन, मास्को में फिर बड़ी रैली निकालने की योजना
रूस में नवलनी समर्थकों के प्रदर्शन जारी है। (एपी)

मास्को, रायटर। रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के धुर विरोधी एलेक्सेई नवलनी की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन का सिलसिला थम नहीं रहा है। शनिवार को भी रूस के कई शहरों में विरोध में प्रदर्शन किए गए। पुलिस की कठोर कार्रवाई का भी प्रदर्शनकारियों में कोई भय नहीं दिखा। नवलनी समर्थकों ने राजधानी मास्को में फिर बड़ी रैली निकालने की योजना बनाई है।

रूस के साइबेरिया और सुदूर पूर्वी क्षेत्र के कई शहरों में नवलनी को रिहा करने के लिए प्रदर्शन किए गए। व्लाडीवोस्टक में बड़ी रैली निकाली गई। यहां कड़ाके की सर्दी के बाद भी सैकड़ों प्रदर्शनकारी थे। -13 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी लोगों ने भाग लिया। साइबेरिया के टोम्स्क में इकट्ठा हुए प्रदर्शनकारियों ने पुतिन के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस ने इस दौरान 450 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया। 

ज्ञात हो कि 17 जनवरी को पांच माह बाद इलाज कराके लौटे नवलनी को मास्को में गिरफ्तार कर लिया गया था। नवलनी को जहर दिए जाने के बाद इलाज के लिए जर्मनी ले जाया गया था। रूसी सरकार पर ही उनको जहर देने का आरोप है। उनकी गिरफ्तारी के विरोध में पिछले सप्ताह ही राजधानी मास्को सहित डेढ़ दर्जन से भी अधिक शहरों में प्रदर्शन हुए थे।

गृह मंत्रालय ने जनता को विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होने की सख्त चेतावनी जारी की है। प्रदर्शनकारियों पर सामूहिक दंगों में शामिल होने का आरोप लगाया जा सकता है, जिसमें आठ साल तक की जेल की सजा होती है। पुलिस के खिलाफ हिंसा करने वालों को 15 साल तक की सजा हो सकती है। 23 जनवरी को नवलनी की रिहाई को लेकर 100 से अधिक रूसी शहरों में प्रदर्शन के दौरान लगभग 4,000 लोगों को हिरासत में लिया गया था। इनमें से कुछ पर जुर्माना लगाया और कुछ को जेल की सजा दी गई। लगभग 20 लोगों पर पुलिस पर हमला करने का आरोप लगाया और उन्हें आपराधिक आरोपों का सामना करना पड़ा।

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