आर्मेनिया और अजरबेजान के बीच नागोर्नो-कराबाख में शांति समझौते का भारत ने किया स्वागत

विवादित इलाके में शांति के पक्षधर अमेरिका और फ्रांस ने मामले सहयोग देने की मंशा से शीघ्र ही अपने राजनयिक मॉस्को भेजने के संकेत दिए हैं। नागोर्नो-कराबाख के मामले में शांति स्थापित करने के लिए बने अंतरराष्ट्रीय समूह में रूस अमेरिका और फ्रांस हैं।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Fri, 13 Nov 2020 07:42 AM (IST) Updated:Fri, 13 Nov 2020 07:42 AM (IST)
आर्मेनिया और अजरबेजान के बीच नागोर्नो-कराबाख में शांति समझौते का भारत ने किया स्वागत
नागोर्नो-कराबाख में शांति समझौते का भारत ने स्वागत किया है।

मॉस्को, रायटर। सोवियत संघ का हिस्सा रहे आर्मेनिया और अजरबेजान के बीच छिड़े संघर्ष को रोकने के लिए रूस ने नागोर्नो-कराबाख इलाके में अपने सैनिकों को तैनात करने का फैसला किया है। इसके लिए उसने नार्गोनो-कराबाख में दखल रखने वाले दोनों पक्षों से सहमति प्राप्त कर ली है। भारत ने इस शांति स्थापित करने वाले इस समझौते का स्वागत किया है। विवादित इलाके में शांति के पक्षधर अमेरिका और फ्रांस ने मामले सहयोग देने की मंशा से शीघ्र ही अपने राजनयिक मॉस्को भेजने के संकेत दिए हैं।

नागोर्नो-कराबाख के मामले में शांति स्थापित करने के लिए बने अंतरराष्ट्रीय समूह में रूस, अमेरिका और फ्रांस हैं। लेकिन रूस ने अमेरिका और फ्रांस को विश्वास में लिए बगैर संघर्षरत आर्मेनियाई फौज और अजरबेजान के साथ समझौता कर लिया। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावारोव ने कहा है कि हमारी किसी के साथ दूरी नहीं है। कुछ रोज में ही हम सभी संबद्ध लोगों को मॉस्को में आमंत्रित करेंगे, वार्ता करेंगे और औपचारिक समझौता हो जाएगा। नागोर्नो-कराबाख के आर्मेनियाई मूलवासियों की फौज और अजरबेजान में हुए समझौते के बाद आर्मेनिया में प्रधानमंत्री निकोल पाशिन्यान के इस्तीफे की मांग उठने लगी। लोग उन्हें धोखेबाज ठहरा रहे हैं।

क्यो है विवाद ?

नागोर्नो-काराबाख अजरबैजान के बीच में स्थित है, लेकिन 1994 में युद्ध समाप्त हो जाने के बाद से आर्मीनिया समर्थित आर्मीनियाई नस्ली बलों के नियंत्रण में है। 27 सितंबर को भड़की लड़ाई में सैकड़ों मारे गए थे। नागोर्नो-काराबाख अधिकारियों के अनुसार, उसके 1,177 सैनिक और 50 नागरिक मारे जा चुके हैं। अजरबैजान के अधिकारियों ने अभी तक अपनी सेना के हताहतों की संख्या जाहिर नहीं की है, लेकिन यह भी कहा है कि कम से कम 92 नागरिक मारे गए हैं और 400 घायल हुए हैं।

नोवाक बने रूस के उप-प्रधानमंत्री

रूसी सरकार के मंत्रिमंडल में व्यापक फेरबदल किया गया है। वर्तमान उर्जा मंत्री अलेंक्जेंडर नोवाक को उनकी अच्छी सेवाओं के लिए पदोन्नत करते हुए उप-प्रधानमंत्री बनाया गया है। उनकी नियुक्ति की सिफारिश प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्टिन ने की है। यह फेरबदल राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के द्वारा अपने तीन मंत्रियों के हटाए जाने के बाद किया गया।

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