सीरिया विवाद के समाधान को रूस पहुंचे बशर अल असद

असद ने पुतिन को भरोसा दिलाया कि अब जमीनी सूरत हमारे पक्ष में है। हम राजनीतिक प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Publish:Tue, 21 Nov 2017 04:19 PM (IST) Updated:Tue, 21 Nov 2017 04:19 PM (IST)
सीरिया विवाद के समाधान को रूस पहुंचे बशर अल असद
सीरिया विवाद के समाधान को रूस पहुंचे बशर अल असद

मॉस्को, रायटर। सीरिया से आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के पांव उखड़ते ही देश में चल रहे गृहयुद्ध के राजनीतिक समाधान की कोशिशें तेज हो गई हैं। इसी क्रम में सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद सोमवार को मॉस्को पहुंचे। तटीय शहर सोची के एक रिसॉर्ट में उनकी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से मुलाकात हुई।

असद रूस में लगभग चार घंटे रहे। असद ने पुतिन को भरोसा दिलाया कि अब जमीनी सूरत हमारे पक्ष में है। हम राजनीतिक प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। रूस सीरिया विवाद का अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सहयोग से शांतिपूर्ण रास्ता निकालने की दिशा में सक्रियता से कार्य कर रहा है। रूस ने असद सरकार के पक्ष में लगभग दो वर्ष पूर्व सैन्य हस्तक्षेप किया था। इससे बशर अल असद सरकार को जीवनदान मिला था। पुतिन सीरिया के मुद्दे पर ईरान व तुर्की के राष्ट्राध्यक्षों से बात करेंगे।

इनके अतिरिक्त अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मध्य पूर्व देशों के नेताओं को भी फोन कर उनके समक्ष अपनी राय रखेंगे। रूसी टीवी के अनुसार पुतिन ने असद को कहा कि आतंकियों पर पूरी तरह जीत के लिए अभी लंबी दूरी तय करनी है, लेकिन सीरिया में जहां तक आतंकरोधी संयुक्त अभियान की बात है, इसे अब खत्म किया जा रहा है। अहम यह है कि हम राजनीतिक सवालों पर फोकस करें। रूसी राष्ट्रपति ने असद सरकार के शांति व समाधान चाहने वाले सभी पक्षों से बातचीत की तैयारी पर संतोष जाहिर किया।

उन्होंने कहा कि सीरिया की जनता ही असद का भविष्य तय करेगी। वहीं असद ने रूस के समर्थन के लिए सीरियाई जनता की ओर से आभार जताया और कहा कि हम इसे कभी नहीं भूल पाएंगे। ज्ञात हो कि रूस अब सीरिया के सभी जातीय समूहों व विद्रोहियों से बातचीत के पक्ष में है। इस दिशा में पूर्व में भी प्रयास हुए थे लेकिन सीरिया पर दुनिया भर के देशों के अलग-अलग नजरिए से यह सफल नहीं हो सका था। जहां रूस, ईरान और हिजबुल्ला का असद को समर्थन था, वहीं अमेरिका, तुर्की व खाड़ी देश असद के विरोध में जंग छेड़े विद्रोहियों का साथ दे रहे थे।

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