वित्तीय पारदर्शिता मामले में न्यूनतम जरूरतों को पूरा नहीं करता PAK, अमेरिकी रिपोर्ट में खुलासा

अमेरिका के विदेश विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट में उठाए गए हैं कई सवाल

By Nitin AroraEdited By: Publish:Tue, 16 Jun 2020 02:57 PM (IST) Updated:Tue, 16 Jun 2020 02:57 PM (IST)
वित्तीय पारदर्शिता मामले में न्यूनतम जरूरतों को पूरा नहीं करता PAK, अमेरिकी रिपोर्ट में खुलासा
वित्तीय पारदर्शिता मामले में न्यूनतम जरूरतों को पूरा नहीं करता PAK, अमेरिकी रिपोर्ट में खुलासा

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका की एक आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान वित्तीय पारदर्शिता की न्यूनतम आवश्यकता को पूरा नहीं करता है। यह भी आरोप लगाया गया है कि वह सरकारी ऋण गारंटी दायित्वों के बारे में भी पर्याप्त जानकारी नहीं देता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 60 अरब डालर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना के तहत सरकारी उद्यमों को दिए जाने वाले वित्तपोषण के बारे में भी स्पष्ट रूप से कुछ नहीं बताया गया है।

अमेरिका के विदेश विभाग द्वारा सोमवार को जारी '2020 वित्तीय पारदर्शिता वार्षिक रिपोर्ट' में कहा गया है कि पाकिस्तान भी उन देशों में शामिल है जो वित्तीय पारदर्शिता के मामले में न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में कोई पहल नहीं कर रहे हैं। दक्षिण एशिया क्षेत्र के अन्य देशों में बांग्लादेश का नाम भी शामिल है। सूची में सऊदी अरब, सूडान और चीन का नाम भी है।

रिपोर्ट में कहा गया है दुनियाभर के जिन 141 देशों का इसमें मूल्यांकन किया गया उनमें भारत सहित 76 देश वित्तीय पारदर्शीता के मामले में न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। 65 देशों की सरकारें वित्तीय पारदर्शिता बरतने के मामले में न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा नहीं करती हैं। हालांकि, 65 में से 14 सरकारों ने इस दिशा में अहम शुरुआत की हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि समीक्षा अवधि के दौरान पाकिस्तान सरकार ने अपने बजट प्रस्तावों, बजट और वर्षांत रिपोर्ट को आम जनता के लिए उपलब्ध कराया है। यह ऑनलाइन भी उपलब्ध है लेकिन इसमें पाक सरकार के ऋण दायित्वों के बारे में सीमित जानकारी ही दी गई है।

क्या है सीपीईसी परियोजना

सीपीईसी चीन-पाकिस्तान की एक महत्वकांक्षी योजना है, जिसमें सड़कों, रेलवे और बिजली परियोजनाओं का योजनाबद्ध नेटवर्क खड़ा किया जाना है। इसके तहत चीन के संसाधन संपन्न शिनजियांग उइगर स्वायत्तशासी क्षेत्र को पाकिस्तान के रणनीतिक रूप से अहम ग्वादर बंदरगाह से जोड़ा जाएगा। पाकिस्तान का यह बंदरगाह अरब सागर में है। चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग 2015 में जब पाकिस्तान की यात्रा पर गये थे तब इस परियोजना की शुरुआत हुई थी। यह शी के अरबों डालर की महत्वकांक्षी परियोजना वन बेल्ट एंड वन रोड (बीआरआइ) का अहम हिस्सा है।

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