मुशर्रफ के खिलाफ चलेगा देशद्रोह का मामला, 8 अक्टूबर से होगी रोजाना सुनवाई

मुशर्रफ के खिलाफ नवंबर 2007 में संविधान को निलंबित करने और इमरजेंसी लगाने के खिलाफ देशद्रोह का मामला दायर किया था।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Wed, 25 Sep 2019 04:52 PM (IST) Updated:Wed, 25 Sep 2019 04:52 PM (IST)
मुशर्रफ के खिलाफ चलेगा देशद्रोह का मामला, 8 अक्टूबर से होगी रोजाना सुनवाई
मुशर्रफ के खिलाफ चलेगा देशद्रोह का मामला, 8 अक्टूबर से होगी रोजाना सुनवाई

इस्लामाबाद, पीटीआइ। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) के खिलाफ 8 अक्टूबर से देशद्रोह के मामले (Treason case) में सुनवाई होगी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान की एक विशेष अदालत (Special Court) ने दिसंबर 2013 से लंबित मामले की रोजाना सुनवाई के आदेश दिए हैं।

पाकिस्तान की पिछली मुस्लिम लीग-नवाज सरकार ने पूर्व सेना प्रमुख के खिलाफ नवंबर 2007 में संविधान को निलंबित करने और इमरजेंसी लगाने के खिलाफ देशद्रोह का मामला दायर किया था। डॉन न्यूज के मुताबिक विशेष अदालत में जस्टिस नजर अकबर और जस्टिस शाहिद करीम की बेंच ने मंगलवार को देशद्रोह के मुकदमे की कार्यवाही शुरू की।

8 अक्टूबर से रोजाना सुनवाई

विशेष अदालत के निर्देश पर कानून मंत्रालय द्वारा मुशर्रफ के वकील के तौर पर रजा बशीर को नियुक्त किया है। बशीर ने 75 वर्षीय मुशर्रफ के साथ बैठक करने के बाद एक आवेदन दायर कर किया है। हालांकि, अदालत ने आवेदन दायर करने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि आरोपी को पहले ही अपना बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया था। अदालत ने मुशर्रफ के वकील बशीर को निर्देश दिया कि वे बहस की तैयारी करें क्योंकि देशद्रोह के मुकदमे की सुनवाई 8 अक्टूबर से रोजाना होगी।

2016 से दुबई में हैं मुशर्रफ

हाई-प्रोफाइल देशद्रोह के मामले में मार्च 2016 के बाद से कुछ खास प्रगति देखने को नहीं मिली क्योंकि मुशर्रफ के दुबई भागने के बाद उनका नाम नो-फ्लाई लिस्ट से हटा दिया गया था। वह तब से मुशर्रफ पाकिस्तान वापस नहीं लौटे। मुशर्रफ का कहना है कि वह एमाइलॉयडोसिस से पीड़ित है, जिसके लिए वह अस्पताल में भर्ती हैं।

संपत्ति जब्त करने का आदेश 

मामले में पाकिस्तान की विशेष अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति को अपराधी करार दिया है साथ ही उनकी संपत्ति को जब्त करने का आदेश दिया है। मामले को फिलहाह रोक दिया गया है क्योंकि मुशर्रफ का बयान दर्ज करने के लिए उनकी उपस्थिति जरूरी है। मुशर्रफ ने 1999 से लेकर 2008 तक पाकिस्तान पर शासन किया। पाकिस्तान के कानून के मुताबिक उच्च राजद्रोह के मामले में दोषी पाए जाने पर मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा दी जाती है।

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