गुलाम कश्मीर में छात्रों ने एक रैली में पाक सेना और आइएसआइ के खिलाफ लगाए नारे

रैली के दौरान छात्र नारे लगा रहे थे, यह जो दशहगर्दी है, उसके पीछे वर्दी है। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल उमर जावेद बाजवा के खिलाफ भी नारे लगाए।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Wed, 13 Feb 2019 07:44 PM (IST) Updated:Wed, 13 Feb 2019 07:44 PM (IST)
गुलाम कश्मीर में छात्रों ने एक रैली में पाक सेना और आइएसआइ के खिलाफ लगाए नारे
गुलाम कश्मीर में छात्रों ने एक रैली में पाक सेना और आइएसआइ के खिलाफ लगाए नारे

लाहौर, एएनआइ। गुलाम कश्मीर के युवाओं में पाकिस्तानी सेना और आइएसआइ के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है। यहां मुजफ्फराबाद में कश्मीरी युवाओं ने एक रैली में सेना और गुप्तचर एजेंसी आइएसआइ के विरुद्ध नारे लगाए। जम्मू कश्मीर नेशनल स्टूडेंट्स फेडरेशन (जेकेएनएसएफ) ने इस रैली का आयोजन किया था। पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने के उद्देश्य से रैली का आयोजन किया गया था। राजनीतिक गतिविधियों से जुड़े कार्यकर्ताओं और छात्रों को सताए जाने और उन्हें अगवा करने के मुद्दे भी रैली में उठाए गए।

छात्रों ने कहा - यह जो दहशतगर्दी है, इसके पीछे वर्दी है

रैली के दौरान छात्र नारे लगा रहे थे, 'यह जो दशहगर्दी है, उसके पीछे वर्दी है।' इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल उमर जावेद बाजवा के खिलाफ भी नारे लगाए। हाल में मुजफ्फराबाद शहर में एक प्रदर्शन के दौरान छात्रों पर लाठीचार्ज करने और आंसू गैस के गोले दागने की घटना की भी रैली में निंदा की गई।

गौरतलब है कि 1947 से ही गिलगित और बाल्तिस्तान को पाकिस्तान अपना क्षेत्र कहता आया है। उस समय से लगातार यहां के लोग सैन्य प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं। बेराजगारी, गरीबी और मूलभूत जरूरतें पूरी नहीं हो पाना यहां के लोगों की बड़ी समस्याएं हैं।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब भी वे पाकिस्तान से अपने अधिकारों की बात करते हैं, उन्हें दबा दिया जाता है। पाकिस्तानी सेना उनके साथ क्रूरता से पेश आती है और अत्याचार करती है।

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