पाकिस्तान के PM से मिलेंगे सऊदी अरब के विदेश मंत्री, जानें क्यों चर्चा में है यह मुलाकात

सऊदी अरब के विदेश मंत्री शहजादा फैसल बिन फरहान आज यानी गुरुवार को पाकिस्तान जाएंगे।साऊदी अरब और पाकिस्तान के रिश्तों को बेहतर बेहतरी के लिए यह मुलाकात खास बताई जा रही है।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Thu, 26 Dec 2019 06:41 PM (IST) Updated:Thu, 26 Dec 2019 06:41 PM (IST)
पाकिस्तान के PM से मिलेंगे सऊदी अरब के विदेश मंत्री, जानें क्यों चर्चा में है यह मुलाकात
पाकिस्तान के PM से मिलेंगे सऊदी अरब के विदेश मंत्री, जानें क्यों चर्चा में है यह मुलाकात

इस्लामाबाद, एएनआइ। सऊदी अरब के विदेश मंत्री शहजादा फैसल बिन फरहान आज यानी गुरुवार को पाकिस्तान जाएंगे। इस दौरान वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात करेंगे। जानकारी के मुताबिक, पकिस्तान ने कुआलालंपर शिखर सम्मेलन में साऊदी अरब की तरफ से बने दवाब के चलते हिस्सा नहीं लिया था। जिसके चलते सऊदी अरब आलोचनाओं के घेरे में है। इसको ध्यान में रखते हुए विदेश मंत्री पाकिस्तान के एक दिन के दौरे पर रहेंगे। बता दें कि कुआलालंपुर सम्मेलन को मुस्लिम देशों का एक नया संगठन बनाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। जो सऊदी के नेतृत्व वाले इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) अन्य रास्ता बन सकता है।

कुआलालंपुर समिट में पाकिस्तान ने नहीं लिया था हिस्सा

बता दें कि पाकिस्तान पीएम इमरान खान के 18-20 दिसंबर तक मलयेशिया में होने वाले कुआलालंपुर समिट में हिस्सा लेने पर साऊदी की तरफ से नाराजगी जताई थी। इसके बाद ही पाकिस्तान की तरफ ने इस समिट में हिस्सा नहीं लिया। इस फैसले के बाद ना सिर्फ साऊदी अरब को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा बल्कि पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान को भी अंतराराष्ट्रीय स्तर पर निंदा का सामना करना पड़ रहा है।

मुस्लिम नेताओं के लिए था आयोजन

बता दें कि इस समिट का आयोजन मुस्लिम नेताओं और बुद्धिजीवियों को ऐसा मंच प्रदान करने के लिए गया है था। इस मंच मुस्लिम वर्ग के नेता अपने विचारों का आदान-प्रदान कर सके और मुस्लिम देशों को प्रभावित करने वाले विभिन्न मुद्दों भी पर बहस कर सके। फिलहाल यह साऊदी अरब और पाकिस्तान में रिश्तों के लिए यह मुलाकात काफी महत्वपूर्ण कही जा रही है।

गौरतलब है कि इससे पहले 20 दिसंबर को विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता आयशा फारूकी ने बताया था कि पाकिस्तान कुआलालंपुर समिट में शामिल नहीं होगा। हालांकि इस समिट में शामिल होने की वजह पाकिस्तान सरकार से बताई गई कीइस्लामाबाद इन मामलों में अपनी तटस्थता बनाए रखना चाहता है।

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