Pakistan Economic Crisis: अमेरिका की शरण में पाक सेना प्रमुख बाजवा, IMF के आगे फिर फैलाए हाथ

Pakistan Economic Crisis आर्थिक क्षेत्र में पाकिस्तान पिछले कई वर्षों से मुश्किल का सामना कर रहा है। आवश्यक वस्तुओं की लगातार बढ़ रही कीमतें डालर की तुलना में मुद्रा की भारी गिरावट और बढ़ते कर्ज के बोझ ने पाकिस्तान की हालत खराब कर दी है।

By Mohd FaisalEdited By: Publish:Mon, 01 Aug 2022 01:19 PM (IST) Updated:Mon, 01 Aug 2022 01:19 PM (IST)
Pakistan Economic Crisis: अमेरिका की शरण में पाक सेना प्रमुख बाजवा, IMF के आगे फिर फैलाए हाथ
Pakistan Economic Crisis: अमेरिका की शरण में पाक सेना प्रमुख बाजवा (फोटो एएनआइ)

इस्लामाबाद, एजेंसी। Pakistan Economic Crisis- पाकिस्तान को इन दिनों आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। जिसके चलते पाकिस्तानी सरकार को दुनिया भर के देशों से आर्थिक मदद मांगनी पड़ रही है। इस बीच, पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से धन की मदद के लिए अमेरिका से संपर्क किया है। उन्होंने पाकिस्तान को एक आर्थिक आपदा से बचाने की गुहार लगाई है।

बाजवा ने अमेरिकी उप विदेश मंत्री से फोन पर की बात

दरअसल, पाकिस्तान के आर्थिक हालात को देखते हुए आर्थिक मोर्चे पर समर्थन मांगने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आर्मी प्रमुख बाजवा को अमेरिकी अधिकारियों से बात करने और IMF फंड के शीघ्र वितरण के लिए राजी किया था। द न्यूज इंटरनेशनल ने सूत्रों के हवाले से बताया कि प्रधानमंत्री और बाजवा ने देश की अर्थव्यवस्था को संकट जैसी स्थिति से बचाने के लिए अन्य विकल्पों पर भी चर्चा की। रिपोर्ट के अनुसार, बाजवा ने अमेरिकी उप विदेश मंत्री वेंडी शेरमेन को फोन किया और उनसे 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर के वितरण में तेजी लाने की अपील की।

आर्थिक संकट से जूझ रहा है पाकिस्तान

सेना प्रमुख का यह कदम तब आया है, जब पाकिस्तान विदेशी भंडार की कमी के कारण गहरी आर्थिक मंदी की चपेट में है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि सरकार ने अमेरिकी प्रशासन से मदद के लिए संपर्क किया है। द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट में कहा गया है कि संघीय वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने इस्लामाबाद में अमेरिकी दूत से मुलाकात की थी और आईएमएफ पर अमेरिकी सरकार के प्रभाव की मांग की थी।

अगस्त के तीसरे सप्ताह में होगी IMF की बैठक

रिपोर्ट के अनुसार, आईएमएफ की बैठक अगस्त के तीसरे सप्ताह के लिए निर्धारित है और स्थानीय मुद्रा पर दबाव ने पहले ही एक बहस छेड़ दी है कि क्या देश अपनी लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में सक्षम होगा। पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसने रुके हुए आईएमएफ कार्यक्रम को पुनर्जीवित करने के लिए कुछ उपाय किए हैं। जैसे पेट्रोलियम उत्पादों पर सब्सिडी को हटाना, बिजली और गैस शुल्क में वृद्धि और करों में वृद्धि करना शामिल है। हालांकि, सरकार के इन कदमों ने आम आदमी पर भारी असर डाला है और देश के गरीब वर्गों के लिए आर्थिक कठिनाइयों में काफी परेशानी आई है।

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