पाक में आतंकी फंडिंग में हाफिज सईद के रिश्तेदार अब्दुल रहमान मक्की समेत चार सहयोगी दोषी करार

पाकिस्तान की एक आतंकरोधी अदालत (Anti Terrorism court) ने प्रतिबंधित जमात-उद-दावा के चार शीर्ष नेताओं को आतंकी फंडिंग के मामलों में दोषी ठहराया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Thu, 17 Sep 2020 06:02 AM (IST) Updated:Thu, 17 Sep 2020 06:02 AM (IST)
पाक में आतंकी फंडिंग में हाफिज सईद के रिश्तेदार अब्दुल रहमान मक्की समेत चार सहयोगी दोषी करार
पाक में आतंकी फंडिंग में हाफिज सईद के रिश्तेदार अब्दुल रहमान मक्की समेत चार सहयोगी दोषी करार

लाहौर, पीटीआइ। पाकिस्तान की एक आतंकरोधी अदालत ने बुधवार को प्रतिबंधित जमात-उद-दावा के चार शीर्ष नेताओं को आतंकी फंडिंग के मामलों में दोषी ठहराया है। इनमें मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का रिश्तेदार भी शामिल है। सुनवाई के बाद अदालत के एक अधिकारी ने कहा, हाफिज अब्दुल रहमान मक्की (हाफिज सईद का रिश्तेदार), याहया मुजाहिद (जमात उद दावा का प्रवक्ता), जफर इकबाल और मुहम्मद अशरफ पर चार अन्य मामलों में आतंकी फंडिंग के आरोप तय किए गए।

इन चारों को कोट लखपत जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत लाया गया। अधिकारी ने बताया कि न्यायाधीश इजाज अहमद बत्तर ने प्रॉसीक्यूशन को गुरुवार को होने वाली मामले की अगली सुनवाई में गवाहों को पेश करने का निर्देश दिया। बता दें कि लाहौर की आंतकरोधी अदालत ने पिछले महीने जफर इकबाल और हाफिज अब्दुस सालम को 16 साल से अधिक कैद की सजा सुनाई थी। वहीं, मक्की को आतंकी फंडिंग के एक अन्य मामले में डेढ़ साल कैद की सजा सुनाई गई थी।

फरवरी में सईद को लाहौर की आतंकरोधी अदालत ने आतंकी फंडिंग के आरोपों में 11 साल कैद की सजा सुनाई थी। अदालत ने सईद और उसके करीबी सहयोगी जफर इकबाल को दो मामलों में साढ़े पांच-साढ़े पांच साल कैद यानी 11 साल कैद की सजा सुनाई थी। सईद इस समय कोट लखपत जेल में सजा काट रहा है।

बीते अगस्‍त के महीने में भी लाहौर की आतंकवाद निरोधी अदालत ने टेरर फंडिंग के एक अन्‍य मामले में जमात-उद-दावा के तीन आतंकियों को 16 साल से ज्यादा की कैद की सजा सुनाई थी। एटीसी ने जफर इकबाल और हाफिज अब्दुस सलाम बिन मुहम्मद को साढ़े 16 साल कैद की सजा सुनाई और डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। हाफिज के रिश्तेदार हाफिज अब्दुल रहमान मक्की को इसी मामले में डेढ़ साल कैद की सजा सुनाई गई थी और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था। 

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