इमरान ने वांग यी से कहा- चीन के साथ दोस्ती पाक की विदेश नीति की आधारशिला है

भारत ने 50 अरब डॉलर (करीब 3.61 लाख करोड़ रुपये) की लागत वाली सीपीईसी पर आपत्ति जताई है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 10 Sep 2018 06:18 PM (IST) Updated:Tue, 11 Sep 2018 12:17 AM (IST)
इमरान ने वांग यी से कहा- चीन के साथ दोस्ती पाक की विदेश नीति की आधारशिला है
इमरान ने वांग यी से कहा- चीन के साथ दोस्ती पाक की विदेश नीति की आधारशिला है

इस्लामाबाद, प्रेट्र/आइएएनएस। पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान ने चीन के साथ अपने मुल्क की सदाबहार दोस्ती का गुणगान किया है। उन्होंने कहा कि चीन के साथ दोस्ती मुल्क की विदेशी नीति की आधारशिला है। इमरान ने विवादित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) परियोजना को पूरा करने का भी वादा किया है। सत्ता में आने से पहले वह इसकी आलोचना करते रहे हैं।

पाक पीएम ने सीपीईसी प्रोजेक्ट पूरा करने का किया वादा

तीन दिवसीय दौरे पर यहां आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रणनीतिक साझीदारी को और प्रगाढ़ करने और सीपीईसी को पूरा करने की प्रतिबद्धता जताई। वांग ने नई सरकार को चीनी नेतृत्व की इस इच्छा से अवगत कराया कि पाकिस्तान और चीन के बीच रणनीतिक साझेदारी को प्रगाढ़ करने की जरूरत है। इससे पहले उन्होंने अपने पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से भी मुलाकात की।

इमरान के निशाने पर थी सीपीईसी परियोजना

सत्ता में आने से पहले सीपीईसी परियोजना इमरान खान के निशाने पर थी। उन्होंने इसमें पारदर्शिता के अभाव और भ्रष्टाचार को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की आलोचना भी की थी। पाकिस्तान के नए वित्त मंत्री असद उमर ने सीपीईसी में पारदर्शिता लाने का वादा किया है।

भारत ने जताई है आपत्ति

भारत ने 50 अरब डॉलर (करीब 3.61 लाख करोड़ रुपये) की लागत वाली सीपीईसी पर आपत्ति जताई है, क्योंकि यह गुलाम कश्मीर से होकर गुजरेगा। करीब तीन हजार किमी लंबे सीपीईसी से पश्चिमी चीन के काशगर को पाकिस्तान में अरब सागर के तट पर स्थित ग्वादर बंदरगाह से जोड़ा जाना है।

सीपीईसी का विस्तार करेगा चीन

चीन के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि सीपीईसी का पश्चिमी पाकिस्तान तक विस्तार किया जाएगा। पश्चिमी पाकिस्तान से अफगानिस्तान की सीमाएं लगती हैं। चीन इस परियोजना से जुड़ने के लिए अफगानिस्तान को पहले ही आमंत्रित कर चुका है। ईरान ने भी इस परियोजना में दिलचस्पी दिखाई है।

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