पूर्व ISI प्रमुख बोले- 'भारत नहीं! यह चुनौती है पाकिस्तान के लिए बड़ा खतरा'

असद दुर्रानी 1988 में पाकिस्तान के मिलिटरी इंटेलिजेंस डायरेक्टर जनरल थे और 1990 में इंटर-सर्विस इंटेलिजेंस यानी आईएसआई के प्रमुख बने। दुर्रानी ने कहा कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के बारे में लोग कहते हैं कि वो अपने दम पर सत्ता में नहीं आए बल्कि खाकी बोझ के कारण आए।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Thu, 03 Dec 2020 05:40 PM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 05:40 PM (IST)
पूर्व ISI प्रमुख बोले- 'भारत नहीं! यह चुनौती है पाकिस्तान के लिए बड़ा खतरा'
पूर्व ISI प्रमुख बोले- 'भारत नहीं! यह चुनौती है पाकिस्तान के लिए बड़ा खतरा'

इस्लामाबाद, पीटीआइ। पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) असद दुर्रानी ने कहा कि उनके देश के लिए आंतरिक चुनौतियां बड़ा खतरा है। अगस्त 1990 से मार्च 1993 तक इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) एजेंसी का नेतृत्व करने वाले दुर्रानी ने 2018 में रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दुलत के साथ 'द स्पाई हिस्ट्री: रॉ, आईएसआई एंड द इल्यूशन ऑफ पीस' नामक पुस्तक को लॉन्च किया था। बीबीसी उर्दू के साथ एक साक्षात्कार में, उन्होंने कहा कि बाहरी मोर्चे पर, पाकिस्तान को सऊदी अरब, तुर्की और ईरान के साथ प्रतिद्वंद्विता के रूप में नई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

उन्होंने कहा कि यदि आप मुझसे बाहर से चुनौतियां पूछते हैं, तो मैं कहूंगा कि हम ईरान, सऊदी अरब और तुर्की नई चुनौतियों का सामना करेंगे। इस दौरान पूर्व आईएसआई प्रमुख ने एक बयान में कहा, 'भारत हमेशा हमारे लिए सबसे बड़ा खतरा नहीं रहा है।' दुर्रानी ने कहा कि पाकिस्तान को मूल खतरा आंतरिक चुनौतियों से है। उन्होंन कहा कि देश तीन तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है: अर्थव्यवस्था, राजनीतिक अस्थिरता और सामाजिक सामंजस्य।

उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान जैसे कुछ क्षेत्र हैं जहां उन लोगों में अशांति है जो राजनीतिक रूप से अलग-थलग और वंचित महसूस करते हैं। अर्थव्यवस्था बुरी हालत में है .... सरकार की विश्वसनीयता खराब है क्योंकि लोगों का मानना है कि इसे सेना द्वारा सत्ता में लाया गया है। उन्होंने स्वीकार किया कि देश के राजनीतिक मामलों में सेना का हस्तक्षेप एक वास्तविकता है। जो पाकिस्तान के लिए हानिकारक है।

असद दुर्रानी 1988 में पाकिस्तान के मिलिटरी इंटेलिजेंस डायरेक्टर जनरल थे और 1990 में इंटर-सर्विस इंटेलिजेंस यानी आईएसआई के प्रमुख बने। इसके अलावा दुर्रानी जर्मनी और सऊदी अरब में पाकिस्तान के राजदूत भी रहे। दुर्रानी ने कहा कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की सबसे बड़ी समस्या यह है कि उनके बारे में लोग कहते हैं कि वो अपने दम पर सत्ता में नहीं आए हैं बल्कि खाकी बोझ के कारण आए हैं।

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