'ओमिक्रोन' को रोकने के लिए ट्रैवल बैन पर UN ने जताया एतराज, जानें सेक्रेटरी जनरल ने क्या कहा
दक्षिण अफ्रीका में पिछले महीने के आखिरी हफ्ते में पहली बार पहचाने गए ओमिक्रोन वैरिएंट (बी.1.1529) में अब तक 34 बदलाव हो चुके हैं जो अल्फा बीटा गामा और डेल्टा की तुलना में बहुत ज्यादा हैं। ये सभी वैरिएंट आफ कंसर्न हैं।

संयुक्त राष्ट्र, एएफपी। संयुक्त राष्ट्र के सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटेरेस ने कोरोना वायरस के नए वैरिएंट से बचाव के लिए दुनिया के कई देशों द्वारा लागू किए गए यात्रा प्रतिबंध को असरदार उपाय नहीं बताया है। सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में चिन्हित किया गया ओमिक्रोन वैरिएंट हफ्ते भर के भीतर दो दर्जन से ज्यादा देशों में फैल गया है।
दूसरी ओर WHO ने कोरोना वायरस के नए स्वरूप वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर बढ़ती चिंता के बीच भविष्य की महामारियों की रोकथाम और इसके खिलाफ लड़ाई में मदद करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय समझौते पर जोर दिया था। संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अधनम गेब्रेयसस ने कहा था कि इस बारे में कई तरह की अनिश्चितता बनी हुई है कि बेहद तेजी से उत्परिवर्तन से गुजर रहा ओमिक्रोन स्वरूप कितना संक्रामक और गंभीर हो सकता है।दक्षिण अफ्रीका में पिछले महीने के आखिरी हफ्ते में पहली बार पहचाने गए ओमिक्रोन वैरिएंट (बी.1.1529) में अब तक 34 बदलाव हो चुके हैं, जो अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा की तुलना में बहुत ज्यादा हैं। ये सभी 'वैरिएंट आफ कंसर्न' हैं। ओमिक्रोन के स्पाइक प्रोटीन में भी कई म्युटेशन की बात सामने आ रही है। इसी के चलते इसके तेजी से फैलने और मौजूदा वैक्सीन को बेअसर करने की बात कहीं जा रही हैं, क्योंकि अभी तक मूल वायरस के स्पाइक प्रोटीन के आधार पर ही वैक्सीन बनाई गई हैं।
कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट से भीषण तबाही का सामना कर चुकी दुनिया ओमिक्रोन वैरिएंट के सामने आने के बाद दहशत में है। ओमिक्रोन को लेकर कम जानकारी और अधिक अटकलों के चलते डर का माहौल बढ़ता ही जा रहा है। इस वैरिएंट के तेजी से फैलने के साथ ही मौजूदा वैक्सीन को बेअसर करने की भी आशंका जताई जा रही है।
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