आर्थिक संकट से जूझ रहा अफगानिस्तान, तालिबान ने लोगों से की अपील- समय पर जमा करें अपना टैक्स

टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार वित्त मंत्रालय ने भी नागरिकों से समय पर अपने करों का भुगतान करने का आह्वान किया है। कार्यवाहक वित्त मंत्री हिदायतुल्ला बद्री ने कहा कि देश के आर्थिक विकास के लिए करों का निवेश किया जाएगा।

By Neel RajputEdited By: Publish:Sun, 16 Jan 2022 12:38 PM (IST) Updated:Sun, 16 Jan 2022 12:38 PM (IST)
आर्थिक संकट से जूझ रहा अफगानिस्तान, तालिबान ने लोगों से की अपील- समय पर जमा करें अपना टैक्स
वित्त मंत्रालय ने भी नागरिकों से समय पर अपने करों का भुगतान करने का आह्वान किया है। (ANI)

काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान में मानवीय संकट, कुशासन और उथल-पुथल के बीच तालिबान ने अफगान नागरिकों से अपने करों का समय पर भुगतान करने का आह्वान किया है। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, उप प्रधानमंत्री अब्दुल सलाम हनफी ने शनिवार को कहा कि जिन अफगानों पर कर बकाया है, उन्हें अफगानिस्तान में मौजूदा चुनौतियों से निपटने में मदद के लिए भुगतान करना चाहिए। उन्होंने काबुल में 'फाइनेंस वीकेंड' शीर्षक से आयोजित एक सभा में यह बात कही है। इस सभा में इस्लामिक अमीरात के अन्य वरिष्ठ सदस्यों ने भी भाग लिया।

हनफी ने कहा, जो लोग कर का भुगतान करने में सक्षम हैं उन्हें करों का भुगतान समय पर करना चाहिए, ताकि शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में धन खर्च किया जा सके। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्रालय ने भी नागरिकों से समय पर अपने करों का भुगतान करने का आह्वान किया है। कार्यवाहक वित्त मंत्री हिदायतुल्ला बद्री ने कहा कि देश के आर्थिक विकास के लिए करों का निवेश किया जाएगा। उन्होंने कहा, वित्त मंत्रालय के पास आर्थिक विकास और मानवीय सहायता के प्रबंधन की जिम्मेदारी है।

इस्लामिक अमीरात के कार्यकारी कैबिनेट के अन्य सदस्यों ने सुझाव दिया कि करों का संग्रह देश में आर्थिक मंदी को रोकने में मदद करेगा। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान ने कहा कि उपजाऊ भूमि वाले जमींदारों से दशमांश लिया जाएगा और प्रत्येक मुस्लिम जिसकी आय योग्य होगी, उससे जकात ली जाएगी। वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता अहमद वली हकमल ने कहा कि इस काम को करने के लिए एक संयुक्त समिति का गठन किया गया है जिसमें वित्त मंत्रालय, हज और धार्मिक मामलों के मंत्रालय और कृषि, सिंचाई और पशुधन मंत्रालय शामिल हैं।

टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, हकमल ने कहा कि इस्लाम में आय और अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण स्रोत दशमांश और जकात है। अहमद वली हकमल ने कहा, संयुक्त समिति वित्त मंत्रालय द्वारा बनाई गई थी, जिसमें हज और धार्मिक मामलों के मंत्रालय और कृषि मंत्रालय शामिल हैं। इसे लेकर काम शुरू हो गया है और इसे अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है। यह कदम व्यापार और वाणिज्य में गिरावट के बाद देश के राजस्व पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने के बाद उठाया गया है।

chat bot
आपका साथी