दावोस में बोले प्रभु, धर्म के आधार पर सरकार भेदभाव नहीं कर रही

'विश्व में भारत की भूमिका' सत्र में एक दिन पहले बुधवार को हिस्सा लेते हुए प्रभु ने जोर देकर कहा कि सभी को विकास का लाभ मिलना चाहिए।

By Manish NegiEdited By: Publish:Thu, 25 Jan 2018 06:04 PM (IST) Updated:Thu, 25 Jan 2018 06:04 PM (IST)
दावोस में बोले प्रभु, धर्म के आधार पर सरकार भेदभाव नहीं कर रही
दावोस में बोले प्रभु, धर्म के आधार पर सरकार भेदभाव नहीं कर रही

दावोस, प्रेट्र। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने विश्व आर्थिक फोरम समिट में कहा कि भारत सरकार धार्मिक आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं करती है। सभी नागरिकों के पास समान अधिकार हैं। 'विश्व में भारत की भूमिका' सत्र में एक दिन पहले बुधवार को हिस्सा लेते हुए प्रभु ने जोर देकर कहा कि सभी को विकास का लाभ मिलना चाहिए। यदि सरकार किसी विशेष समुदाय के खिलाफ होती तो वह तीन तलाक विधेयक क्यों लाती?

प्रभु ने कहा, 'अगर हम मुस्लिमों के खिलाफ होते तो हम संसद में तीन तलाक विधेयक लाने की सोचते भी नहीं। आप मुस्लिमों की बात करते हैं तो वह आबादी के 14 फीसद की बात होती है। इसमें सात फीसद महिलाएं हैं। यदि हम किसी समुदाय के खिलाफ होते तो एक खासी बड़ी आबादी को अपने से दूर करने की कीमत पर भी महिलाओं को सुरक्षित करने वाला ऐसा विधेयक क्यों लाते?' केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'हम किसी भी धर्म को चुनाव के समय इस्तेमाल करने के बारे में नहीं सोचते। हम इस चीज में यकीन नहीं करते कि लोगों का एक खास वर्ग हमारे लिए ही वोट करे।'

सत्र का संचालन कर रहे अमेरिकी पत्रकार फरीद जकारिया ने पूछा कि क्या भारतीय जनता पार्टी ने भारतीय मुस्लिमों को चुनावी लाभ के लिए हाशिये पर डाल दिया है? इसके जवाब में प्रभु ने कहा, 'मैं यह कहना चाहूंगा कि यह पहली सरकार है जो धर्म के आधार पर लोगों के साथ भेदभाव नहीं करती है। हम इस बात में यकीन रखते हैं कि देश के सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलें। उनके बीच धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए।'

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