Rafale Jet: वायुक्षेत्र में देश का बढ़ेगा दबदबा, इन मिसाइलों से लैस होगा राफेल लड़ाकू विमान , जानें- और क्या है खासियत

First Rafale jet to India लक्ष्य को बिना देखे तबाह करने में Meteor Missile की दुनिया में कोई दूसरी मिसाल नहीं है। जबकि Scalp Missile बहुत दूर तक मार करती है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Sun, 06 Oct 2019 07:26 PM (IST) Updated:Mon, 07 Oct 2019 12:06 AM (IST)
Rafale Jet: वायुक्षेत्र में देश का बढ़ेगा दबदबा, इन मिसाइलों से लैस होगा राफेल लड़ाकू विमान , जानें- और क्या है खासियत
Rafale Jet: वायुक्षेत्र में देश का बढ़ेगा दबदबा, इन मिसाइलों से लैस होगा राफेल लड़ाकू विमान , जानें- और क्या है खासियत

पेरिस, प्रेट्र। पहला राफेल जेट विमान (First Rafale jet to India) भारत को मिलने से पहले यूरोपीय मिसाइल निर्माता MBDA ने एलान किया है कि देश के लिए खास तौर पर तैयार किए गए अत्याधुनिक 36 राफेल विमान मीटियोर (Meteor) और स्काल्प मिसाइलों (Scalp Missile) से लैस होंगे। इन मिसाइलों की बेजोड़ मारक क्षमता से वायुक्षेत्र में भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) का दबदबा हो जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) दशहरे के दिन मंगलवार को भारत का पहला राफेल विमान हासिल करने पेरिस जा रहे हैं। वह हर साल दशहरे पर शस्त्र पूजा करते हैं, लिहाजा इस बार वह पेरिस में भी विधिवत शस्त्र पूजा करेंगे।

MBDA के भारत में प्रमुख लुइस पेदेविच ने रविवार को बताया कि उनकी कंपनी की बनाई मीटियोर मिसाइल लक्ष्य को लेंस में देखे बगैर ही भेद सकती है। हवा से हवा में मार करने वाली अचूक मीटियोर मिसाइलें और स्काल्प क्रूज मिसाइलें 36 राफेल विमानों में सुसज्जित सबसे घातक हथियार होंगे। इसके चलते ही भारत ने इन विमानों का सौदा कुल 59,000 करोड़ रुपये में किया। स्काल्प और मीटियोर मिसाइलें भारतीय वायुसेना के लिए गेमचेंजर साबित होने वाली हैं। राफेल विमान के होने से भारत को नई क्षमताएं हासिल होंगी जो पहले कभी हासिल नहीं थीं। भारत ने 36 विमानों का यह सौदा तीन साल पहले फ्रांस की प्रमुख युद्धक विमान कंपनी दासौ एविएशन से किया था। उन्होंने कहा कि भारत को दिया जाने वाला राफेल बेहद उन्नत किस्म के हथियारों से लैस है।

लक्ष्य को देखे बिना भेदेगी मीटियोर

लक्ष्य को बिना देखे तबाह करने में मीटियोर मिसाइल की दुनिया में कोई दूसरी मिसाल नहीं है। जबकि स्काल्प मिसाइल बहुत दूर तक मार करती है। इन दोनों मिसाइलों के साथ राफेल युद्धक विमान क्षेत्र में भारत की धाक जमा देगा। मीटियोर मिसाइल को BVR की अगली पीढ़ी की मिसाइल (BVRAAM) कहा जाता है। कंपनी ने इस घातक मिसाइल को यूरोपीय देश ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, फ्रांस, स्पेन और स्वीडन के सामने उपस्थित खतरों को ध्यान में रखकर तैयार किया है।

इसका अर्थ यह भी है कि यह मीटियोर मिसाइल एशिया में भारत के अलावा किसी और देश के पास नहीं होगी। एडवांस सक्रिय रडार से निर्देशित होने वाली यह मिसाइल हर मौसम में हर किस्म के लक्ष्य को भेद सकती है। यह हवा में तीव्र गति से उड़ते जेट विमानों से लेकर छोटे मानव रहित विमानों और क्रूज मिसाइलों को आकाश में ही तबाह करने में सक्षम है।

स्काल्प बड़े हमलों के लिए उत्तम

स्काल्प हवा से मार करने वाली लंबी दूरी की मिसाइल है। यह जमीन पर स्थिर और बड़े ठिकानों को पूरी तरह से तबाह करने में अचूक है। पूर्व नियोजित बड़े हमलों के लिए यह उत्तम मिसाइल है। स्काल्प मिसाइल ब्रिटेन की रॉयल एयरफोर्स और फ्रांस की वायुसेना का हिस्सा रही है। इस मिसाइल का इस्तेमाल खाड़ी युद्ध में भी किया गया था। नवनियुक्त वायुसेना प्रमुख राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने पिछले हफ्ते ही कहा था कि पड़ोसी देशों का मुकाबला करने के दौरान यह भारतीय वायुसेना की ताकत में अत्यधिक इजाफा करेंगे।

ये खूबियां सिर्फ भारत के लिए

राफेल जिन यूरोपीय देशों के लिए पहले तैयार किया गया है, उनमें यह मिसाइल प्रणाली भारत की तरह ही उपलब्ध है। लेकिन भारत को मिलने वाले राफेल विमानों में कुछ ऐसी खूबियां भी हैं, जो भारत सरकार ने वायुसेना की जरूरतों के आधार पर सिर्फ अपने देश के लिए हासिल की हैं। यानी अन्य देशों के लिए बाद में बनाए जाने वाले राफेल विमानों को उन सुविधाओं से लैस नहीं किया जाएगा। भारत और फ्रांस के बीच हुए सौदे में यह शर्त सबसे अहम है। खास भारत के लिए राफेल को जिन युद्धक क्षमताओं से लैस किया गया है, उसमें इजरायली हेलमेट के उभार वाले डिस्प्ले, कई रडार वार्निग रिसीवर, कई लो बैंड जैमर, दस घंटे तक की फ्लाइट डाटा रिकार्डिग, इंफ्रा-रेड सर्च और ट्रैकिंग सिस्टम भी शामिल हैं।

जगुआर के लिए ASRAAM

MBDA कंपनी पिछले पांच दशकों से भारतीय थलसेना, वायुसेना और नौसेना विभिन्न दूरियों की मिसाइलों की आपूर्ति करती रही है। पिछले महीने ही उसने रक्षा क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) के साथ मिस्ट्रल और ASRAAM मिसाइलों की एसेम्बली, इंटीग्रेशन और टेस्ट के लिए समझौते पर दस्तखत किए हैं। एएसआरएएएम नई पीढ़ी की नजदीक से मार करने वाली मिसाइल है। भारतीय वायुसेना को पहली बार जगुआर के लिए यह मिसाइलें मिलेंगी।

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