Monkeypox Endemic: एंडेमिक बन सकता है मंकीपाक्स, जल्द रोकथाम की है जरूरत

मंकीपाक्स के आंकड़े दुनिया भर में बढ़ते जा रहे हैं और इसलिए इस पर तुरंत एक्शन लेने की जरूरत है। ऐसा मानना है कि यदि तत्काल कार्रवाई नहीं हुई तो मंकीपाक्स कई क्षेत्रों में एंडेमिक बन जाएगा जहां यह सामान्य नहीं है जैसे अमेरिका और यूरोप।

By Monika MinalEdited By: Publish:Thu, 11 Aug 2022 11:21 AM (IST) Updated:Thu, 11 Aug 2022 11:21 AM (IST)
Monkeypox Endemic: एंडेमिक बन सकता है मंकीपाक्स, जल्द रोकथाम की है जरूरत
एंडेमिक बन सकता है मंकीपाक्स, जल्द रोकथाम की है जरूरत

बर्मिंघम, एजेंसी। इस साल के मई से लेकर अब तक दुनिया में 26 हजार से अधिक मंकीपाक्स के मामले आ चुके हैं। हालात को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ( World Health Organisation, WHO) ने इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने का फैसला लिया है। इस बीमारी के प्रकोप को लेकर ऐसा देखा गया है कि यह उन देशों में फैला है जहां यह वायरस सामान्य तौर पर नहीं पाया जाता है। यह बात बर्मिंघम सिटी यूनिवर्सिटी में बायोमेडिकल साइंस की लेक्चरर तारा हर्स्ट (Tara Hurst) ने कही है।

पहले के मंकीपाक्स मामले की तरह इस बार यह जानवर से नहीं बल्कि इंसानों के बीच संपर्क से फैल रहा है। मंकीपाक्स के आंकड़े दुनिया भर में बढ़ते जा रहे हैं और इसलिए इस पर तुरंत एक्शन लेने की जरूरत है। ऐसा मानना है कि यदि तत्काल कार्रवाई नहीं हुई तो मंकीपाक्स कई क्षेत्रों में एंडेमिक बन जाएगा जहां यह सामान्य नहीं है जैसे अमेरिका और यूरोप।

मंकीपाक्स को लेकर चिंता की वजह

पहला यह बीमारी अब इंसानों के आपसी संपर्क की वजह से हो रही है। संक्रमित इंसान के संपर्क में आने से भी यह बीमारी फैल रहा है संक्रमित के शरीर से निकले फ्लूड, खांसी या छींक के वक्त नजदीकी बन सकती है बीमारी की वजह

अन्य वायरसों की तुलना में मंकीपाक्स का संक्रमण धीमी गति से फैलता है। यह बात अफ्रीका में इस बीमारी के प्रकोप की शुरुआत को लेकर किए गए रिसर्च में साबित हुआ है। रिसर्च के नतीजे में कहा गया है कि संक्रमित के संपर्क में आने के बाद बीमार होने संभावना करीब 3 फीसद तक कम हो जाती है।

हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से कहा गया है कि हमें अब तक इस बारे में बेहतर तरीके से नहीं पता कि इस वायरस का स्ट्रेन कितने समय तक संक्रामक रह सकता है। मौजूदा मंकीपाक्स पर किए गए रिसर्च में यह बात साबित हुई है कि संक्रमित व्यक्ति के शरीर में मौजूद मंकीपाक्स का वायरस 28 दिनों तक सक्रिय रहता है और संपर्क में आने वालों को चपेट में ले सकता है। जिन देशों तक मंकीपाक्स के वायरस का प्रकोप अभी नहीं पहुंचा है उन्हें बचाने का सही समय अभी है। तुरंत ही इस बीमारी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाने चाहिए।

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