दुनिया को तबाह करने के लिए किम ने बनाया अब तक का सबसे घातक ‘प्लान'

उत्तर कोरिया जिस तरह से दुनिया के लिए खतरा बना हुआ है वह किसी से भी अछूती नहीं रही है। लेकिन अब वह इससे कहीं अधिक घातक होता दिखाई दे रहा है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Tue, 26 Sep 2017 03:29 PM (IST) Updated:Wed, 27 Sep 2017 11:29 AM (IST)
दुनिया को तबाह करने के लिए किम ने बनाया अब तक का सबसे घातक ‘प्लान'
दुनिया को तबाह करने के लिए किम ने बनाया अब तक का सबसे घातक ‘प्लान'

नई दिल्‍ली (स्‍पेशल डेस्‍क)। उत्तर कोरिया जिस तरह से दुनिया के लिए खतरा बना हुआ है यह किसी से भी छिपा नहीं है। लेकिन अब वह इससे कहीं अधिक घातक होता दिखाई दे रहा है। दरअसल इस बात की आशंका जताई जा रही है कि उत्तर कोरिया, अमेरिका और दुनिया में अपनी दहशत फैलाने के लिए आतंकी संगठन आईएस को रासायनिक हथियार बेच सकता है। इस बात की आशंका एक ब्रिटिश रक्षा विशेषज्ञ द्वारा जताई गई है। ब्रिटिश केमिकल, बॉयोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर रेजीमेंट (सीबीआरएन) के पूर्व कमांडर हामिश डी ब्रिटन गॉर्डन का कहना है कि हालिया आर्थिक प्रतिबंधों से नाराज उत्तर कोरिया आतंकी संगठन आईएस को रासायनिक हथियार बेच सकता है।

उत्तर कोरिया के पास हजारों टन रासायनिक हथियार

एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्‍होंने उत्तर कोरिया के पास 2500-5000 हजार टन रासायनिक हथियार होने की आशंका जताई है। इसमें बेहद घातक नर्व एजेंट ‘वीएक्स’ शामिल है, जिसका इस्तेमाल इस साल की शुरुआत में कुआलालाम्पुर हवाई अड्डे पर किम जोंग उन के चचेरे भाई किम जोंग नाम की हत्या में किया गया था। उन्‍होंने प्योंगयांग की आतंकियों को नर्व गैस जैसे खतरनाक रासायनिक हथियार बेचने की मंशा को पूरी दुनिया के लिए बड़ी चिंता का विषय माना है। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया सहित आठ देशों के नागरिकों पर यात्रा प्रतिबंध लागू करने का नया आदेश जारी किया है। यह नया नियम 18 अक्टूबर से प्रभावी होगा। इससे भी किम खासा चिढ़ा हुआ है।

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दो मिनट में ही चली जाती है जान

रासायनिक हथियारों का इस्‍तेमाल कितना घातक हो सकता है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इनके इस्‍तेमाल से दो से तीन मिनट के अंदर ही इंसान की मौत हो सकती है। दिल्‍ली यूनिवर्सिटी के कैमिस्‍ट्री डिपार्टमेंट के प्रोफेसर राजीव गुप्‍ता ने Jagran.Com से बात करते हुए बताया कि कैमिकल वैपंस कई तरह के होते हैं। पुलिस के द्वारा इस्तेमाल होने वाले आंसू गैस के गोले भी इसका ही एक रूप होते हैं। लेकिन इनमें मौजूद रसायन इतना घातक नहीं होता है और यह सिर्फ इंसान की आंखों में कुछ समय के लिए जलन पैदा करते हैं। उनके मुताबिक कैमिकल का ज्‍यादा मात्रा में इस्‍तेमाल किया जाना हमेशा से ही घातक होता है और विभिन्‍न रसायनों का अधिक मात्रा में इस्‍तेमाल करके ही ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों को मौत की नींद सुलाया जा सकता है।

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विश्‍वयुद्ध में भी हुआ था कैमिकल वैपंस का इस्‍तेमाल 

प्रोफेसर गुप्‍ता के मुताबिक पहले और दूसरे विश्‍व युद्ध के दौरान इस तरह के रासायनिक हथियारों का काफी संख्‍या में इस्‍तेमाल किया गया था। उनके मुताबिक आज भी कई देशों के पास इस तरह के हथियार हैं। उत्तर कोरिया द्वारा जिस कैमिकल को बेचने की आशंका गार्डन ने जताई है, उनमें नर्व एजेंट वीएक्‍स शामिल है। इस बाबत उनका कहना था कि यह कैमिकल चंद सैकंड के अंदर इंसान की जान ले सकता है। उनके मुताबिक जापान की मेट्रो में इसका इस्‍तेमाल आखिरी बार किया गया था। यह सिरेन गैस थी। इस साल की शुरुआत में कुआलालाम्पुर हवाई अड्डे पर किम जोंग उन के चचेरे भाई किम जोंग नाम की हत्या के लिए भी इसका इस्ते‍माल किया गया था। इसके अलावा सीरिया में भी इनका कथित तौर पर इस्‍तेमाल किया गया था। 

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यूएस से नफरत के चलते आतंकियों का साथ दे सकते हैं किम

वह मानते हैं कि अमेरिका के प्रति किम की नफरत और अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए उत्तर कोरिया को पैसे की जरूरत है। लेकिन हाल में लगे प्रतिबंधों के बाद उसको इसमें अड़चन आ रही है। इतना ही नहीं उसके सबसे बड़े सहयोगी देश चीन ने भी अब उससे मुंह फेर लिया है और पेट्रोल तथा गैस सप्‍लाई को बंद कर दिया है। लिहाजा ऐसे में किम के आतंकी संगठनों से हाथ मिलाए जाने की आशंका को बल मिल रहा है। यदि इस बात में जरा भी सच्‍चाई है तो यह दुनिया के लिए खतरे की घंटी होगी। यदि रासायनिक हथियार आतंकियों को मिल गए तो वह अमेरिका ही नहीं बल्कि अन्य देशों के खिलाफ बेहद घातक हमले कर पाने में सक्षम हो जाएंगे। उन्‍होंने कहा कि सभी जानते हैं कि आतंकी संगठनों के पास काफी धन है, जिसका इस्तेमाल दुनियाभर से घातक हथियारों की खरीद-फरोख्त के लिए किया जाता है।

रासायनिक हथियार बनाने वाले उपकरण बेचते हुए पकड़े गए

परमाणु हथियारों पर रोकथाम लगाने वाले संगठन ने हाल में ऐसे उपकरण लेकर सीरिया जा रहे नॉर्थ कोरिया के दो जहाजों का पता लगाया था। संयुक्त राष्ट्र की ओर से इस बाबत 37 पेज की एक रिपोर्ट भी सौंपी गई है। इतना ही नहीं उत्तर कोरिया ने वर्ष 2006 में सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद को अपना परमाणु कार्यक्रम शुरू करने में मदद की थी। अप्रैल में सीरियाई सेना ने उत्तरी इलाके खान शेखौन में रासायनिक हमला किया था, जिसमें 74 लोग मरे थे।

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अमेरिकी बम वर्षक को मार गिराने का अधिकार

अमेरिका से लगातार बढ़ रही तनातनी के बाद उत्तर कोरिया ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर उसके खिलाफ जंग के ऐलान का आरोप लगाया है। यहां पर यह भी ध्‍यान रखना होगा कि दो दिन पहले ही अमेरिका ने उत्तर कोरिया के बॉर्डर पर अपने बम वर्षक विमान उड़ाए थे। प्योंगयांग के विदेश मंत्री री योंग-हो ने पत्रकारों से कहा कि उसके देश के पास अमेरिकी बमवर्षक विमानों को उड़ाने का पूरा अधिकार है। चाहे वह उत्तर कोरिया के अधिकार क्षेत्र में न भी हों। योंग-हो ने कहा कि दुनिया को यह याद रखना चाहिए कि पहले जंग की घोषणा किसने की। कुछ दिनों से दोनों देशों के बीच जुबानी जंग जारी है। पहले ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में किम जोंग को ‘रॉकेट मैन’ कहा था। फिर उत्तर कोरियाई विदेश मंत्री ने ट्रंप पर हमला बोला। ट्रंप ने फिर से ज्यादा दिन न होने की धमकी दी।

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