Gotabaya Rajapaksa: बैंकाक में ठहरे गोटाबाया राजपक्षे को होटल से बाहर नहीं आने की सलाह, सुरक्षा के लिए किए गए कड़े प्रबंध

गोटाबाया राजपक्षे बैंकाक के एक होटल में ठहरे हैं। पुलिस ने उनको सुरक्षा कारणों से कमरे से बाहर नहीं आने की सलाह दी है। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि राजपक्षे तीन अन्य लोगों के साथ गुरुवार को स्थानीय समय के अनुसार रात आठ बजे सिंगापुर से थाइलैंड पहुंचे।

By Amit SinghEdited By: Publish:Sat, 13 Aug 2022 05:00 AM (IST) Updated:Sat, 13 Aug 2022 05:00 AM (IST)
Gotabaya Rajapaksa: बैंकाक में ठहरे गोटाबाया राजपक्षे को होटल से बाहर नहीं आने की सलाह, सुरक्षा के लिए किए गए कड़े प्रबंध
गोटाबाया राजपक्षे को होटल से बाहर नहीं आने की सला

बैंकाक, एजेंसियां: श्रीलंका के अपदस्थ राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे थाइलैंड की राजधानी बैंकाक के बीचों-बीच एक होटल में ठहरे हुए हैं। पुलिस ने उनको सुरक्षा कारणों से कमरे से बाहर नहीं आने की सलाह दी है। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि राजपक्षे तीन अन्य लोगों के साथ गुरुवार को स्थानीय समय के अनुसार रात आठ बजे सिंगापुर से थाइलैंड पहुंचे।

बैंकाक पोस्ट ने बताया है कि राजपक्षे ने पहले फुकेट क्षेत्र में उतरने की योजना बनाई थी। यह जानकारी लीक हो गई। इसके बाद उनके विमान को बैंकाक में सैनिक हवाई अड्डे की तरफ मोड़ दिया गया। राजपक्षे जिस होटल में ठहरे हुए हैं, उसका वास्तविक पता नहीं उजागर किया गया है। पूर्व श्रीलंकाई राष्ट्रपति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े प्रबंध किए गए हैं। राजपक्षे के लिए विशेष शाखा ब्यूरो के पुलिस अधिकारियों को सादे कपड़ों में तैनात किया गया है। अधिकारियों ने राजपक्षे से कहा है कि वे जब तक थाइलैंड में रहते हैं, तब तक होटल में ही रहें।

राजपक्षे सिंगापुर से उनका वीजा समाप्त होने के बाद उसी दिन बैंकाक पहुंचे थे। दूसरे देश में स्थायी शरण मांगने से पहले वह अस्थायी प्रवास के लिए यहां पहुंचे है। थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओ-चा ने बुधवार को 73 वर्षीय श्रीलंकाई नेता द्वारा मानवीय कारणों से थाईलैंड की एक अस्थायी यात्रा की पुष्टि करते हुए कहा कि उन्होंने दूसरे में स्थायी शरण की तलाश के दौरान राज्य में राजनीतिक गतिविधियों का संचालन नहीं करने का वादा किया है।

जुलाई में मालदीव भाग जाने के बाद, राजपक्षे सिंगापुर गए, जहां उन्होंने श्रीलंका के अभूतपूर्व आर्थिक संकट पर महीनों के विरोध के बीच अपने इस्तीफे की घोषणा की। श्रीलंका से भागने के बाद से राजपक्षे ने कोई सार्वजनिक उपस्थिति या टिप्पणी नहीं की है। श्रीलंका में डेली मिरर अखबार की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि राजपक्षे का 90 दिनों का थाई वीजा खत्म होने के बाद नवंबर में श्रीलंका लौट आऐंगे।

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