जापान के पूर्व PM यासुहिरो नाकासोन का 101 साल की उम्र में निधन

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री यासुहिरो नाकासोन( Yasuhiro Nakasone) का शुक्रवार सुबह टोक्यो के एक होटल में निधन हो गया।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Fri, 29 Nov 2019 11:23 AM (IST) Updated:Fri, 29 Nov 2019 12:31 PM (IST)
जापान के पूर्व PM यासुहिरो नाकासोन का 101 साल की उम्र में निधन
जापान के पूर्व PM यासुहिरो नाकासोन का 101 साल की उम्र में निधन

टोक्यो, एएनआइ। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री यासुहिरो नाकासोन (Yasuhiro Nakasone) का शुक्रवार सुबह टोक्यो के एक होटल में निधन हो गया। उनकी उम्र 101 साल की थी। नाकासोन  ने वर्ष 1982 से 1987 तक लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। उन्हें अमेरिकी  के पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के साथ अपने करीबी संबंधों के लिए जाना जाता था। उनकी मजबूत दोस्ती को रॉन-यासु के नाम से जाना जाता रहा है।

हाल के वर्षों में उन्होंने युद्ध-त्याग वाले यूएस ड्राफ्ट संविधान के संशोधन के लिए पैरवी की थी। इसके अलावा अपने जीवन में जापान के विकास के लिए काफी कार्य किए। वर्ष 1945 से 1952 तक चले अमेरिकी कब्जे की निंदा करते हुए उन्होंने एक उग्र राष्ट्रवादी के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की, लेकिन 1980 के दशक तक वह अमेरिका के एक कट्टर सहयोगी थे, जो राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के साथ अपने मधुर संबंधों के लिए जाने जाते थे। इस दौरान उन्होंने कई कार्य किए। खासकर रक्षा क्षेत्र में उन्होंने कार्य किए। उन्होंने वर्ष 1947 में एक सीट जीती, 28 साल की उम्र में संसद के सबसे कम उम्र के सदस्य बने। बता दें कि वर्ष 1947 को भारत ब्रिटिश भार से आजाद हुआ था।

नाकासोन लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी में एक प्रमुख व्यक्ति बन गए। जिसने बाद की राजनीति में अपना दबदबा बनाया। संसद में आधे से अधिक शताब्दी के दौरान उन्होंने प्रधान मंत्री बनने से पहले रक्षा प्रमुख, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और उद्योग मंत्रालय के शीर्ष और सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के महासचिव के रूप में कार्य किया।

वह दक्षिण कोरिया जाने वाले पहले जापानी प्रधानमंत्री थे। जापान द्वारा 1910-1945 के उपनिवेशण की कड़वी यादों वाला देश रहा है। नेता के रूप में विदेश में उनकी यह पहली यात्रा थी। उन्होंने जापान के राष्ट्रीय रेलवे के साथ-साथ राज्य टेलीफोन और तंबाकू कंपनियों का भी निजीकरण किया। इसके बाद वह 2003 में 85 साल की उम्र में संसद से सेवानिवृत्त हो गए।

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