कोरोना के दौरान विश्व में बढ़ी अदरक की मांग, कीमतों को लगे पंख

नाइजीरिया में अदरक उगाने वाले एक किसान ने बताया कि इस वक्त अदरक की मांग ज्यादा है क्योंकि लोग इसे दवा के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान वो खुद अदरक हल्दी और लहसुन का सेवन करते थे।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Wed, 02 Jun 2021 10:18 PM (IST) Updated:Wed, 02 Jun 2021 10:18 PM (IST)
कोरोना के दौरान विश्व में बढ़ी अदरक की मांग, कीमतों को लगे पंख
कोरोना के दौरान विश्व में बढ़ी अदरक की मांग, कीमतों को लगे पंख

एबूजा, रायटर। कोरोना के प्रकोप से बचने के लिए पूरे विश्व में लोगों ने अपनी इम्यूनिटी सिस्टम को स्ट्रॉन्ग करने के लिए कई तरह के घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल किया। दुनिया भर के लोगों ने सुपरफूड कहे जाने वाली वस्तुओं को अपनी रोजमर्रा की ज़िंदगी में ऐसे शामिल कर लिया, जैसे वो कई वर्षों से इन सभी चीजों का लगातार इस्तेमाल करते आ रहे हों। सुपरफूड की मांग बढ़ने से नाइजीरिया में अदरक और ब्राजील में असाई बेरी की कीमतों में उछाल आया है, जबकि भारतीय हल्दी और चीन से लहसुन के निर्यात में पिछले एक साल में उछाल आया है।

नाइजीरिया में अदरक उगाने वाले एक किसान ने बताया कि इस वक्त अदरक की मांग ज्यादा है, क्योंकि लोग इसे दवा के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान वो खुद अदरक, हल्दी और लहसुन का सेवन करते थे।

विश्व में सुपरफूड की मांग वैसे ही ज्यादा रहती है, लेकिन कोरोना महामारी के बाद आए उछाल ने इस क्षेत्र में निवेशकों की दिलचस्पी और बढ़ा दी है। नाइजीरिया में कोरोना महामारी से पहले 50 किलो अदरक की कीमत करीब चार हजार से लेकर छह हजार नायरा थी, जो अब बढ़कर पंद्रह हजार नायरा तक पहुंच गई है। 

नाइजीरिया के जिंजर ग्रोअर्स, प्रोसेसर्स और मार्केटर्स एसोसिएशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष फ्लोरेंस एडवर्ड्स ने कहा कि कीमतें पिछले साल ही बढ़ने लगी थीं, लेकिन इस साल जनवरी के बाद से अदरक की कीमतों को मानों पंख लग गए हों। उन्होंने बताया कि अदरक की मांग तो पूरे विश्व से आ रही है, लेकिन भारत, चीन और यूरोप उनके सबसे पसंदीदा बाजार हैं।

chat bot
आपका साथी