मौसमी बदलाव झेल रहे देशों में भारत का पांचवां स्थान, जर्मनी और कनाडा पहले नंबर पर

पिछले महीने राजधानी दिल्ली की हवा विषाक्त हो गई थी जिसके बाद लोगों ने प्रदर्शन कर सरकार से इसके लिए कदम उठाने की मांग की थी।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Thu, 05 Dec 2019 10:51 AM (IST) Updated:Thu, 05 Dec 2019 10:51 AM (IST)
मौसमी बदलाव झेल रहे देशों में भारत का पांचवां स्थान, जर्मनी और कनाडा पहले नंबर पर
मौसमी बदलाव झेल रहे देशों में भारत का पांचवां स्थान, जर्मनी और कनाडा पहले नंबर पर

मैड्रिड, आइएएनएस। पर्यावरण में बदलाव के दुष्प्रभावों पर चर्चा के बीच प्रभावित देशों की सूची सामने आई है। प्रभावित देशों में अमीर और गरीब, दोनों तरह के देशों पर पर्यावरण का बदलाव असर डाल रहा है। भारत इस वैश्विक सूची में पांचवें स्थान पर है। क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स 2020 नाम की यह वार्षिक रिपोर्ट जर्मनवाच ने तैयार की है। रिपोर्ट को स्पेन की राजधानी मैड्रिड में हो रहे करीब 200 देशों के अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण सम्मेलन से इतर कार्यक्रम में पेश किया गया। यह कार्यक्रम पर्यावरण सुधार के लिए रूपरेखा बनाने को गठित संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के संगठन ने आयोजित किया था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पर्यावरण के बदलाव के दुष्प्रभाव को भारत बुरी तरह से झेल रहा है। 2018 में भी भारत पांचवें स्थान पर था। यहां प्रदूषण के कारण पैदा होने वाले रोगों से मरने वालों की संख्या दुनिया में सर्वाधिक है। जनहानि के अतिरिक्त धनहानि में भारत का स्थान दूसरा है। प्रदूषण के कारण भारत को हर साल करोड़ों डॉलर (अरबों रुपये) का नुकसान हो रहा है।

प्रदूषण से प्रभावित देशों की सूची में भारत का स्थान 2017 के बाद खतरनाक ढंग से ऊपर चढ़ा है। 2017 में भारत वैश्विक सूची में प्रदूषण से प्रभावित देशों में 14 वें स्थान पर था लेकिन अगले ही साल यह चढ़कर पांचवें स्थान पर आ गया। म्यांमार और हैती जैसे छोटे और गरीब देश भी गंभीर रूप से प्रदूषण की मार झेल रहे हैं। जबकि संपन्न जापान 2018 से पर्यावरण में बदलाव की गंभीर समस्या झेल रहा है। जर्मनी और कनाडा सर्वाधिक प्रभावित दस देशों की सूची में सबसे ऊपर हैं।

यह सूची तापमान में हो रही बढ़ोतरी के मद्देनजर बनाई गई है। भारत के बारे में स्थिति को स्पष्ट करते हुए संस्था के विशेषज्ञ डेविड एकस्टीन ने कहा, भारत में हुई भारी वर्षा पर्यावरण के बदलाव का नतीजा थी। इसके चलते देश के कई इलाकों में भयंकर बाढ़ आई और भूस्खलन हुआ। इन प्राकृतिक आपदाओं में एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए। आपदा के चलते केरल बुरी तरह से प्रभावित हुआ।

वहां पर बीते 100 साल की सबसे भयंकर बाढ़ आई। इसके अतिरिक्त अक्टूबर और नवंबर 2018 में भारत में दो बड़े चक्रवात भी आए। इनमें भी एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए। भारत बढ़े रहे तापमान के असर को भी झेल रहा है। इसके कारण बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है। इस सूची में वियतनाम छठे, बांग्लादेश सातवें, अमेरिका 12 वें और फ्रांस 15 वें स्थान पर है।

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