सुरक्षा परिषद में यरुशलम के दर्जे को बरकरार रखने का प्रस्ताव
यरुशलम पर प्रशासनिक नियंत्रण इजरायल का है लेकिन वह वहां की स्थिति को बदलने का कोई निर्णय नहीं ले सकता है।
संयुक्त राष्ट्र, रायटर। यरुशलम को लेकर दुनिया में अकेले पड़े अमेरिका की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी किरकिरी हो सकती है। सुरक्षा परिषद ऐसा प्रस्ताव लाने पर विचार कर रही है जिसमें यरुशलम की स्थिति को बदलने वाले किसी निर्णय की कोई कानूनी वैधता नहीं होगी। अगर यह प्रस्ताव पारित हो गया तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के यरुशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने वाला फैसला खतरे में पड़ जाएगा।
यह प्रस्ताव किसी और ने नहीं बल्कि दुनिया में दूसरे नंबर की अमेरिकी सहायता पाने वाले देश मिस्त्र ने तैयार किया है। एक पन्ने के इस प्रस्ताव को शनिवार को सुरक्षा परिषद के सभी 15 सदस्य देशों को भेज दिया गया। इस प्रस्ताव में अमेरिका और राष्ट्रपति ट्रंप का जिक्र नहीं है। लेकिन यरुशलम का अंतरराष्ट्रीय शहर का दर्जा बदलने वाला कोई निर्णय मान्य न होने का संकल्प व्यक्त किया गया है।
पूर्व निर्धारित व्यवस्था के अनुसार इजरायल और फलस्तीन की सहमति से ही यरुशलम का दर्जा बदला जा सकता है। फिलहाल यरुशलम पर प्रशासनिक नियंत्रण इजरायल का है लेकिन वह वहां की स्थिति को बदलने का कोई निर्णय नहीं ले सकता है। इस प्रस्ताव पर अगले सप्ताह मतदान हो सकती है। सुरक्षा परिषद में शामिल लगभग सभी देश इस प्रस्ताव के अनुसार अपनी राय रखते हैं। बावजूद इसके अमेरिका वीटो का इस्तेमाल करके इस प्रस्ताव को निष्प्रभावी कर सकता है।
यह भी पढ़ें: यूएई और सऊदी अरब ने मिलकर बनाया नया संगठन