म्‍यांमार के बाद जॉर्डन की सेना ने प्रिंस हमजा को किया नजरबंद, जानें, कौन है हमजा ? इस घटना से क्‍यों चिंतित है US

म्‍यांमार में सैन्‍य तख्‍तापलट के बाद जॉर्डन की सेना ने नाटकीय ढंग से प्र‍िंस हमजा को नजरबंद किया है। हालांकि म्‍यांमार की तरह जॉर्डन की सेना ने भी पहले प्रिंस हमजा को नजरबंद किए जाने से इंकार किया था। जॉर्डन में राजनीतिक अस्थिरता से अमेरिका क्‍यों हुआ चिंतित।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Sun, 04 Apr 2021 12:25 PM (IST) Updated:Sun, 04 Apr 2021 09:10 PM (IST)
म्‍यांमार के बाद जॉर्डन की सेना ने प्रिंस हमजा को किया नजरबंद, जानें, कौन है हमजा ? इस घटना से क्‍यों चिंतित है US
म्‍यांमार के बाद जॉर्डन की सेना ने प्रिंस हमजा को किया नजरबंद। फाइल फोटो।

नई दिल्‍ली/अम्‍मान, ऑनलाइन डेस्‍क। जॉर्डन दुनिया के उन मुल्‍कों में शामिल हैं, जहां शाही परिवार का शासन है। जॉर्डन के शाही परिवार के लिए यह साल अच्‍छा नहीं रहा। उसे कई दिक्‍कतों का सामना करना पड़ा है। आखिर कौन है प्र‍िंस हमजा। जॉर्डन की सेना ने आखिर उनको नजरबंद क्‍यों किया है। म्‍यांमार में सैन्‍य तख्‍तापलट के बाद जॉर्डन की सेना ने नाटकीय ढंग से प्र‍िंस हमजा को नजरबंद किया है। हालांकि, म्‍यांमार की तरह जॉर्डन की सेना ने भी पहले प्रिंस हमजा को नजरबंद किए जाने से इंकार किया था। जॉर्डन में राजनीतिक अस्थिरता से अमेरिका क्‍यों हुआ चिंतित।  

कौन है प्र‍िंस हमजा

हमजा जॉर्डन के दिवंगत किंग हुसैन और उनकी पंसदीदा पत्‍नी क्वीन नूर के सबसे बड़े बेटे हैं। वह दिवंगत किंग हुसैन के बहुत प्रिय थे। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि  किंग हुसैन हमजा को अपनी आंखों का सुकून कहते थे। वर्ष 1999 में जॉर्डन के क्राउन प्र‍िंस हमजा को यह उपाधि दी गई थी। किंग हुसैन की मौत के वक्‍त उन्‍हें राजशाही के लिए अनुभवहीन समझा गया था। इसलिए, जब वह किंग हुसैन के उत्‍तराधिकारी बने तो कई तरह के सवाल भी उठाए गए। इसके बाद किंग अब्‍दुल्‍ला ने जॉर्डन का सिंहासन संभाला। अब्‍दुल्‍ला ने वर्ष 2004 में हमजा की क्राउन प्र‍िंस की उपाधि छीन ली थी। यह महरानी नूर के लिए एक बड़ा झटका था, जो अपने बेटे को जॉर्डन के किंग के रूप में देखना चाहती थीं।

हमजा को महंगा पड़ा सरकार की निंदा करना

जॉर्डन दुनिया के उन चुनिंदा मुल्‍कों में शामिल है, जहां राजशाही व्‍यवस्‍था अब भी कायम है। जॉर्डन के शाही परिवार पर यह संकट कोई नया नहीं है। हालांकि, कोरोना महामारी के बाद जॉर्डन राजशाही में यह दिक्‍कतें खुलकर सामने आईं हैं। दरअसल, कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडान के उपबंधों से देश की अर्थव्‍यवस्‍था पूरी तरह से चौपट हो गई। जॉर्डन एक संकट से गुजर रहा है। प्र‍िंस हमजा ने इसके लिए व्‍यवस्‍था को जिम्‍मेदार ठहराया। उन्‍होंने अपनी सरकार पर भ्रष्‍टाचार, भाई भतीजावाद और अक्षमता के आरोप लगाए हैं। सरकार की निंदा के बाद उन्‍हें नजरबंद कर दिया गया।

उन्‍होंने अपने एक वीडियो में कहा है कि देश में इस समय खौफ है। सरकार की निंदा करने वाले किसी भी शख्‍स को खुफ‍िया पुलिस गिरफ्तार कर रही है। उन्‍होंने कहा कि उनके स्‍टाफ को भी गिरफ्तार किया गया है। उन्‍होंने कहा कि उनके परिवार को नजरबंद कर दिया गया है। उनके सभी संचार के साधनों पर रोक लगा दी गई है। कोरोना महामारी के अलावा जॉर्डन में शरणार्थियों की समस्‍या ने भी देश की आर्थिक व्‍यवस्‍था को बदहाल करने में प्रमुख भूमिका निभाई है। जॉर्डन में बड़ी तादाद में शरणार्थियों की मौजूदगी है। दरअसल, सीरिया में गृहयुद्ध के बाद जॉर्डन की यह समस्‍या काफी गंभीर हुई है। सीरिया से बड़ी तादाद में नागरिकों ने जॉर्डन में शरण लिया है। 

जॉर्डन की राजनीतिक अस्थिरता चिंतित हुआ अमेरिका

जॉर्डन में राजनीतिक अस्थिरता से अमेरिका निश्चित रूप से चिंतित हुआ होगा। दरअसल, मध्‍य एशिया में जॉर्डन, अमेरिका का एक प्रमुख सहयोगी देश है। मध्‍य एशिया में वह अमेरिका का प्रमुख सामरिक साझेदार भी है। सुरक्षा ऑपरेशन में वह अमेरिकी फौज की मदद करता है। मध्‍य एशिया में इस्‍लाकिमक स्‍टेट के खिलाफ अमेरिकी अभियान में वह प्रमुख सहयोगी है। हालांकि, अमेरिका ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।    

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