जापान की विदेश नीति में हुए अहम बदलाव, पीएम आबे ने किम जोंग से मुलाकात की जताई इच्छा

जापान से पहले चीन रूस और दक्षिण कोरिया भी अपने रुख में बदलाव करते हुए किम जोंग से मिलने की इच्छा जता चुके हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Fri, 04 Oct 2019 07:29 PM (IST) Updated:Fri, 04 Oct 2019 08:07 PM (IST)
जापान की विदेश नीति में हुए अहम बदलाव, पीएम आबे ने किम जोंग से मुलाकात की जताई इच्छा
जापान की विदेश नीति में हुए अहम बदलाव, पीएम आबे ने किम जोंग से मुलाकात की जताई इच्छा

टोक्यो, एपी। जापान की विदेश नीति में परिवर्तन की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री शिंजो एबी ने कहा कि वह उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम जोंग उन से मुलाकात करने की इच्छा रखते हैं। इसके लिए उन्होंने पूर्व में किसी प्रकार की शर्त रखने से भी इन्कार कर दिया है।

शुक्रवार को जापानी संसद के नए सत्र की शुरुआत के मौके पर अपने भाषण के दौरान एबी ने यह बात कही। भाषण में उन्होंने दक्षिण कोरिया से दूरी बनाने का भी संकेत दिया।

कई अन्य देशों ने भी जताई थी मिलने की इच्छा

किम के साथ किसी भी तरह की वार्ता की संभावना पर पहले एबी कहते थे कि उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु निरस्त्रीकरण पर आगे बढ़े बिना ऐसा नहीं हो सकता। जापान से पहले चीन, रूस और दक्षिण कोरिया भी अपने रुख में बदलाव करते हुए किम से मिलने की इच्छा जता चुके हैं।

उत्तर कोरिया द्वारा हथियारों के परीक्षण को लेकर एबी ने कहा कि अमेरिका व अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ सहयोग से सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर ली जाएगी। बीते बुधवार को उत्तर कोरिया द्वारा दागा गया एक मिसाइल जापान की समुद्री सीमा में गिरा था।

जल्द ही डोनाल्ड ट्रंप भी किम जोंग से करेंगे मुलाकात

वहीं, जापान के साथ ही किम जोंग से मिलने वाले देशों में अमेरिका भी शामिल है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी जल्द ही किम जोंग से मिलने वाले हैं। हाल ही में ट्रंप ने कहा था कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग के साथ चौथा शिखर सम्मेलन (fourth summit) में हिस्सा लेंगे। जो कि यह सम्मेलन परमाणु कूटनीति के कारण दोनों नेताओं के बीच नहीं हो पाया था।

गौरतलब है कि उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग अपनी ताकत को और बढ़ाना चाहता है। हाल ही में उसने उत्तर कोरिया की सत्ता पर पकड़ मजबूत करने के लिए देश के संविधान में कई बदलाव किए गए थे। संविधान में हुए बदलावों से किम जोंग को राष्ट्राध्यक्ष का दर्जा मिल गया। वहीं, विश्लेषकों का मानना है कि संविधान संशोधन के जरिये किम के अधिकारों को बढ़ाया गया है।

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