पर्ल हार्बर पर हुए हमले से हिल गया था अमेरिका, इस अटैक का नहीं था उसे अंदेशा, जानें- जापान की क्‍या थी योजना

7 दिसंबर 1941 की सुबह आज से 80 साल पहले द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान ने अमेरिका के पर्ल हार्बर पर हमला किया था। जापान ने एक घंटा 15 मिनट तक अमेरिकी पर्ल हार्बर स्थित नौसैनिक अड्डे पर बमबारी की थी।

By Geetika SharmaEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 11:59 AM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 02:51 PM (IST)
पर्ल हार्बर पर हुए हमले से हिल गया था अमेरिका, इस अटैक का नहीं था उसे अंदेशा, जानें- जापान की क्‍या थी योजना
80 साल पहले आज के दिन जापान ने पर्ल हार्बर पर किया था हमला

नई दिल्ली (जेएनएन)। 7 दिसंबर 1941 की सुबह आज से 80 साल पहले द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान आज ही के दिन जापान ने अमेरिका के पर्ल हार्बर पर हमला किया था। द्वितीय विश्व युद्ध में यह अमेरिकी जमीन पर पहला हमला था, जो अमेरिका के पर्ल हार्बर में स्थित नेवल बेस पर किया गया था। इस हमले ने पूरी तरह से अमेरिका के होश उड़ा दिए थे।

पर्ल हार्बर में क्या हुआ था

जापान ने एक घंटा 15 मिनट तक अमेरिकी पर्ल हार्बर स्थित नौसैनिक अड्डे पर बमबारी की थी। जापान अमेरिका के ईधन टैंकों को अपना निशाना बनाना चाहता था, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया था। जापान को लगता था कि पर्ल हार्बर में बड़ी संख्या में अमेरिकी विमान वाहक जहाज मौजूद होंगे, लेकिन असल में ऐसा नहीं था। इस हमले में अमेरिका के फोर्ड द्वीप में स्थित नौसैनिक वायुकेंद्र और बंदरगाह पूरी तरह से नष्ट हो गए थे।

इस हमले में 2400 अमेरिकी लोग और जवान मारे गए थे। इसके साथ ही 328 अमेरिकी विमान पूरी तरह से नष्ट हुए थे। साथ ही 19 समुद्री जहाज, जिसमें आठ जंगी जहाज भी पुरी तरह से तबाह हुए थे। वहीं, हमले में जापान के भी सौ से ज्यादा सैनिक मारे गए थे। जापान के इस हमले से दूसरे विश्व युद्ध ने एक नया मोड़ ले लिया था। इस युद्ध में 70 अलग-अलग देशों की सेनाएं शामिल थीं।

क्या वजह पर्ल हार्बर हमले के पीछे

जापान का पर्ल हार्बर पर यह पहला हमला अमेरिका के लिए बेहद चौंकाने वाला था। अमेरिका इस हमले के लिए तैयार नहीं था और न ही वह इसकी कल्पना कर सकता था। क्योंकि हमले से ठीक एक दिन पहले वाशिंगटन में जापान के प्रतिनिधियों की अमेरिका के विदेश मंत्री कार्डेल हल के साथ जापान पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को खत्म करने की बातचीत हो रही थी। चीन के बढ़ते हस्तक्षेप के कारण अमेरिका ने जापान पर यह प्रतिबंध लगाए थे।

अमेरिका के इन प्रतिबंधों और चीन को दी गई मित्र सेना की मदद से नाराज होकर ही जापान ने अपने देश में अमेरिका के खिलाफ हमला करने की घोषणा की थी। जापान की ओर से पर्ल हार्बर हमले के बाद अमरीकी राष्ट्रपति फ्रैकलीन डी रूजवेल्ट ने सीधे तौर पर दूसरे विश्व युद्ध में शामिल होने का एलान कर दिया था। जिसके बाद अमेरिका के युद्ध में शामिल होने से यूरोप की स्थिती काफी बदल गई। खासतौर पर ब्रिटेन को अमेरिका का भरपूर साथ मिला और उसने एक मजबूत देश बनकर इस विश्व युद्ध में अपनी भीमिका निभाई।

कैसै हुआ पर्ल हार्बर हमले का अंत

इसके बाद 1941 में अमेरिका के पर्ल हार्बर पर जापान की ओर से किए गए इस हमले का बदला मानते हुए दूसरे विश्व युद्ध का अंत चार साल बाद अमेरीका ने 1945 में जापान के दो शहरों हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमला करके किया था। जापान को अमेरिका पर हमला करने की एक बड़ी कीमत चुकानी पड़ी थी। अमेरिका ने पर्ल हार्बर को युद्ध खत्म होने के एक साल बाद फिर से बसा लिया था, लेकिन जापान को अपने दोनों शहर हिरोशिमा और नागासाकी को दोबारा बसाने से कई साल लग गए थे।

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