Corona Virus की वजह से भूतिहा शहर में तब्दील हुए एक करोड़ की आबादी वाला शहर वुहान
कोरोना वायरस का प्रकोप वुहान में इस कदर व्याप्त है कि कोई सड़क पर आने के लिए तैयार नहीं है। कभी कभी सरकारी गाडि़यों की आवाज इस खामोशी को जरूर तोड़ देती है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। खाली और सूनसान पड़ी सड़कें, खाली सिनेमा हाल, खाली रेस्तरां और खाली पड़े हैं होटल। कहीं कोई दिखाई नहीं देता। अगर गलती से कोई दिखाई भी दे जाए तो उसके चेहरे पर खौफ की लकीरों को आसानी से देखा जा सकता है। ये कहानी है उस शहर की जिसकी आबादी एक करोड़ से भी ज्यादा है। इसके बाद भी इसको अब भूतिहा शहर या Ghost City कहा जाने लगा है। इस शहर को ये नाम हाल ही में दिया गया है। इस शहर को ये नाम यहां महामारी का रूप ले चुके कोरोना वायरस (Novel Coronavirus) की वजह से मिला है। जिस शहर का हम यहां पर जिक्र कर रहे हैं उसका नाम है वुहान (Wuhan- A Ghost City), जो सबसे ज्यादा इस वायरस की चपेट में है।
हुबई में 5806 मरीज
नए साल की शुरुआत में इस शहर में सब कुछ सामान्य था, लोग नए साल का जश्न मना रहे थे। सड़कें, बाजार, होटल सब गुलजार थे। कोई नहीं जानता था कि कुछ समय के बाद ही इस शहर को भूतिहा शहर कहा जाने लगेगा। हालांकि वुहान में कोरोना वायरस (Coronavirus epic centre) का पहला मामला बीते वर्ष दिसंबर में ही सामने आ गया था, लेकिन तब तक इसके महामारी बन जाने की आशंका नहीं जताई गई थी। लेकिन, आज हुबई प्रांत में जिसमें वुहान भी आता है, इस वायरस से ग्रसित 5806 मरीज होने की पुष्टि चीन की सरकार कर चुकी है। अकेले इसी प्रांत में अब तक 204 मौत इस वायरस की वजह से हो चुकी हैं जबकि 116 मरीज ठीक भी हुए हैं।पिछले 24 घंटों की बात करें तो इस प्रांत में 1220 नए मामले इस वायरस के तहत सामने आए हैं और 40 मरीजों की मौत हुई है। पूरे चीन की बात करें तो इसके अब 9692 मरीज सामने आ चुके हैं।
हर तरफ खामोशी, सड़कें और होटल भी वीरान
वुहान को भूतिहा शहर जो कहा जा रहा है उसके पीछे कहीं न कहीं सरकार द्वारा उठाए गए वो एहतियाती कदम हैं जिनकी वजह से लोग बाहर नहीं निकल रहे हैं। सरकार ने वायरस के प्रकोप को देखते हुए हुबई समेत चीन के दूसरे प्रांत में भी स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया है। सभी तरह के जलसे, समारोह या ऐसी बड़ी चीजें जिनमें भीड़ जुट सकती है, को पूरी तरह से रोक दिया है। यहां तक की एग्जाम को भी फिलहाल टाल दिया गया है। अकेले हुबई या वुहान की ही बात करें तो यहां पर बाहरी आवाजाही को पूरी तरह रोक दिया गया है। यहां से बाहर निकलने की किसी को इजाजत नहीं है। न ही बाहर से कोई इस प्रांत में जा सकता है। रेल, सड़क यातायात पूरी तरह से बंद है।
यहां पर पहले आ चुका है सार्स
यहां पर चीन की अलग-अलग जगहों से छिड़काव के लिए केमिकल और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए स्पेशल सूट को हवाई जहाज के माध्यम से भेजा जा रहा है। इसके अलावा जगह-जगह मास्क भी बांटे गए हैं। इस शहर में इस वायरस के प्रकोप के बाद यहां पर एक मास्क की कीमत सौ रुपये से भी अधिक हो गई थी। आपको यहां पर ये भी बता दें कि वर्ष 2002 और 2003 में भी सार्स के यहां फैलने से सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी। कोरोना वायरस इसका ही एक रूप है, जो ज्यादा खतरनाक है। वुहान के एयरपोर्ट के बाहर 24 घंटे एंबुलेंस की सुविधा मुहैया करवाई गई है। यहां के अस्पतालों में हर रोज सैकड़ों की तादाद में मरीज आ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दूसरे देशों को इसे हैल्थ इमरजेंसी के तौर पर लेने की गुजारिश की है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि अब तक न तो इसका इलाज खोज गया है न ही इसके रोकथाम के लिए कोई टीका ही सामने आया है। ऐसे में वैज्ञानिकों से लगातार इसका हल खोजने की अपील भी वर्ल्ड हैल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने की है।
ग्रीन पैसेज
यहां की इस खामोशी को कभी-कभी एंबुलेंस की आवाज या सरकारी गाडि़यों की आवाज जरूर तोड़ती दिखाई देती है। हालांकि हर तरफ छाए इस बंद की वजह से लोगों को कई तरह की परेशानी भी हो रही है। वायरस की वजह से जो सीमाएं सील की गई हैं उसकी बदौलत यहां पर खाने-पीने की दिक्कत शुरू हो गई है। इसको देखते हुए सरकार ने ग्रीन पैसेज देने की कवायद शुरू की है।
वुहान में मौजूद भारतीय
आपको यहां पर ये भी बता दें वुहान में कई देशों के लोग मौजूद हैं, जिनमें करीब 600 अकेले भारत से ही हैं। इनमें वो भारतीय भी शामिल हैं जो उच्च शिक्षा के लिए वहां मौजूद हैं। पिछले दिनों इन छात्रों ने एक वीडियो मैसेज भेज कर अपनी परेशानियों की भी जानकारी दी थी। इनको निकालने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। संभावना जताई जा रही है कि इन सभी को शुक्रवार को विशेष विमान से स्वदेश वापस लाया जाएगा।
वुहान की मीट मार्केट
चीन की सबसे बड़ी मीट मार्केट में से एक वुहान की मंडी को भी बंद कर दिया गया है। इसको बंद करने की एक बड़ी वजह ये भी है क्योंकि चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने इस वायरस के यहां से ही फैलने की पुष्टि की है। यहां से इस वायरस के चमगादड़ों के जरिए फैलने की भी पुष्टि की गई है। लेंसेट जनरल की रिपोर्ट इस बारे में काफी खास है। इसमें कहा गया है कि इस वायरस के दस जेनेटिक कडि़यों को दखने पर चमगादड़ों से काफी करीबी रिश्ता पाया गया है। चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के प्रोफेसर गुइजेन वू ने भी इस रिसर्च रिपोर्ट को सही बताया है। उनके मुताबिक सभी आंकड़े वायरस के अनुकूल साबित हुए हैं।
चमगादड़ों से फैले वायरस
यह रिसर्च रिपोर्ट इस वायरस के चमगादड़ों से ही फैलने की तरफ इशारा कर रहे हैं। आपको यहां पर ये भी बता दें कि चमगादड़ों से फैलने वाला ये कोई पहला वायरस भी नहीं है। इससे पले मारबर्ग, निपाह और हेंड्रा वायरस भी चमगादड़ों की ही वजह से फैला था। इसके अलावा इबोला, रैबीज, सॉर्स और मेर्स वायरस की भी वजह चमगादड़ ही बना था। वहीं यदि वुहान की बात करें तो यहां की मीट मार्केट में चमगादड़ और सांप समेत अन्य जानवरों का मांस भी खुलेआम बिकता है। इन्हें यहां पर बड़े चाव के साथ खाया भी जाता है।
ये भी पढ़ें:-
इस युवती के खूबसूरत चेहरे और हंसी पर मत जाना, इसके पीछे छिपा है ड्रग तस्करी का सच
CoronaVirus : चीन की मीट मार्केट रही है कई जानलेवा वायरस की जनक, यहीं से दुनिया में फैली मौत
जानें Coronovirus की पहचान में क्यों खास है Thermal Scanner, कैसे करता है ये काम