Dalai Lama: तवांग के जरिए तिब्बत पर है चीन की नजर, अगले दलाई लामा की नियुक्ति में चाहता है हस्तक्षेप

9 दिसंबर को पिपुल्स लिबरेशन आर्मी के दल और भारतीय सेना के बीच टकराव हुआ था। जिसमें दोनों तरफ के लागों को हल्की चोटें आईं थीं। ऐसा लग रहा था कि यह मात्र भू-राजनीति तक सीमित है लेकिन यह इससे आगे का मामला है।

By Piyush KumarEdited By: Publish:Sat, 24 Dec 2022 02:58 PM (IST) Updated:Sat, 24 Dec 2022 02:58 PM (IST)
Dalai Lama: तवांग के जरिए तिब्बत पर है चीन की नजर, अगले दलाई लामा की नियुक्ति में चाहता है हस्तक्षेप
नए दलाईलामा कि ताजपोशी में चीन हस्तक्षेप की कोशिश कर रहा है।

बीजिंग, एजेंसी। अरुणाचल प्रदेश के तवांग पर हमला महज चीन की भू-राजनीति का परिणाम नहीं था। असल में इसके पीछे तिब्बती बुद्धिज्म और आध्यात्मिकता ज्यादा बड़ा कारण था। टाइम्स ऑफ इजराइल में वास शेनॉय के छपे लेख के अनुसार अगला दलाई लामा तवांग में अवतार ले रहा है, जिससे चीन बौखलाया हुआ है। इससे चीन के उन इरादों पर पानी फिर गया है, जिसके तहत वह चाहता था कि नए दलाईलामा कि ताजपोशी में उसका हस्तक्षेप हो।

सिर्फ भू-राजनीतिक नहीं मामला

9 दिसंबर को पिपुल्स लिबरेशन आर्मी के दल और भारतीय सेना के बीच टकराव हुआ था। जिसमें दोनों तरफ के लागों को हल्की चोटें आईं थीं। ऐसा लग रहा था कि यह मात्र भू-राजनीति तक सीमित है लेकिन यह इससे आगे का मामला है। अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती जिले तवांग में तवांग गाल्डन नाम्गे लाटेस नाम का बौद्ध मठ है। जो सबसे प्राचीन और चीन के नियंत्रण से बाहर पड़ने वाला दूसरी बड़ा बौद्ध मठ है। खबर के अनुसार यह मठ तिब्बत के भविष्य को लेकर महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकता है।

तवांग से हो सकता है अगला दलाई लामा

वर्तमान दलाई लामा 87 साल के हो चुके हैं और उनकी सेहत बहुत बेहतर नहीं है। उनके उत्तराधिकारी के लिए बड़े संघर्ष की आशंका है। इसी कड़ी में चीन इस कोशिश में रहेगा कि वह अगले दलाई लामा को नामित कर सके ताकि तिब्बती बुद्धिज्म को नियंत्रित करना उसके लिए आसान हो। हालांकि दलाई लामा तवांग में अवतार ले सकता हैँ जहां हजारों पारंपरिक तिब्बती परिवार पीढ़ियों से मठ के आसपास रहते हैं।

तवांग के आसपास के पहाड़ों पर नियंत्रण मिलने से चीन की सेना को भविष्य में धीरे-धीरे मठ पर कब्जा जमाने में मदद मिलेगी। 14वें दलाई लामा के बाद तिब्बती लोगों को उनके उत्तराधिकारी की तलाश करनी होगी। इससे यह तय होगा कि तिब्बत पर पूर्णत: नियंत्रण करने के लिए चीन को कितनी ताकत लगानी होगी।

चीन में सर्वोच्च नेता शीजिंगपिंग, जिन्हें सीसीपी ने अप्रत्याशिततौर पर तीसरी बार चुना है के खिलाफ चीन, तिब्बत और शिंजियांग में असंतोष तेजी से बढ़ा है। खबर के अनुसार दलाई लामा के भारतीय सेना के हैलिकॉप्टर से लद्दाख के विवादित इलाके में जाना सीसीपी को खटक रहा है।

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