उइगर मुस्लिमों को लेकर ड्रैगन का तुर्की पर पलटवार, जानें- क्‍या है पूरा मामला

चीन ने अंकारा के इस बात का खंडन किया है कि चीन में उइगर मुस्लिमों के साथ किसी तरह का अत्‍याचार हो रहा है।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Mon, 11 Feb 2019 03:12 PM (IST) Updated:Mon, 11 Feb 2019 03:12 PM (IST)
उइगर मुस्लिमों को लेकर ड्रैगन का तुर्की पर पलटवार, जानें- क्‍या है पूरा मामला
उइगर मुस्लिमों को लेकर ड्रैगन का तुर्की पर पलटवार, जानें- क्‍या है पूरा मामला

बीजिंग [ एजेंसी ]। उइगर मुस्लिमों को लेकर चीन ने तुर्की के बयान पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्‍होंने अंकारा के इस बात का खंडन किया है कि चीन में उइगर मुस्लिमों के साथ किसी तरह का अत्‍याचार हो रहा है। बीजिंग ने तुर्की के इस दावे का भी खंडन किया है कि मुस्लिम अल्पसंख्यक के एक प्रसिद्ध कवि की हिरासत में मौत हुई है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि अंकारा अपनी गलतियां में सुधार कर सकते हैं।

तुर्की ने चीन पर साधा निशाना

बता दें कि तुर्की ने उइगर मुस्लिमों के साथ खराब बर्ताव को लेकर बीजिंग पर निशाना साधा है। तुर्की ने चीन की निंदा करते हुए उसके इस बर्ताव को मानवता को शर्मसार करने वाला करार दिया है। बता दें कि चीन के शिनजियांग प्रांत में तुर्की भाषा बोलने वाले उइगरों की बड़ी आबादी है। चीन में ये अल्पसंख्यक मुसलमान तुर्की भाषा बोलते हैं। 

तुर्की के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हमी अक्सोया ने शनिवार को कहा, 'उइगरों के प्रति चीनी अधिकारियों की सुनियोजित नीति मानवता को शर्मसार करने वाली है। अब यह कोई राज नहीं रहा है कि हिरासत केंद्रों में दस लाख से अधिक उइगर यातना का सामना कर रहे हैं और उनका मत परिवर्तन किया जा रहा है।' तुर्की ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतेरस से अपील की है कि वे शिनजियांग में व्याप्त इस मानव त्रासदी पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाएं।

चीन ने अपने पश्चिमोत्तर क्षेत्र में हिंसा और तनाव

चीन ने अपने पश्चिमोत्तर क्षेत्र में हिंसा और तनाव बढ़ने के बाद उइगर अल्पसंख्यकों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया है। इन पर नजर रखने के साथ ही कई तरह की बंदिशें भी लगाई गई हैं। संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों की एक समिति के अनुसार, करीब दस लाख उइगरों और तुर्की बोलने वाले दूसरे अल्पसंख्यकों को हिरासत केंद्रों में रखा गया है। आलोचकों का कहना है कि चीन अल्पसंख्यक समुदाय की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का दमन कर रहा है। हालांकि, चीन इन आरोपों से इन्कार करता रहा है। वह इन हिरासत केंद्रों को व्यावसायिक शिक्षा केंद्र बताता है।

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