वैज्ञानिकों ने N-95 मास्क के दोबारा इस्तेमाल की राह खोजी, स्टरलाइजेशन के बाद 10 बार कर सकते हैं प्रयोग

वैज्ञानिकों के मुताबिक अगर भाप द्वारा एन-95 मास्क का स्टरलाइजेशन किया जाए तो यह कोरोना वायरस को खत्म कर देता है। इस तरह मास्क का दोबारा उपयोग भी किया जा सकता है।

By TaniskEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 09:27 AM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 09:27 AM (IST)
वैज्ञानिकों ने N-95 मास्क के दोबारा इस्तेमाल की राह खोजी, स्टरलाइजेशन के बाद 10 बार कर सकते हैं प्रयोग
वैज्ञानिकों ने N-95 मास्क के दोबारा इस्तेमाल की राह खोजी, स्टरलाइजेशन के बाद 10 बार कर सकते हैं प्रयोग

टोरंटो, पीटीआइ। वैज्ञानिकों के मुताबिक, अगर भाप द्वारा एन-95 मास्क का स्टरलाइजेशन किया जाए तो यह कोरोना वायरस को खत्म कर देता है। इस तरह मास्क का दोबारा उपयोग भी किया जा सकता है। कनाडियन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल (सीएमएजे) में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक 70 डिग्री सेल्सियस पर 60 मिनट तक मास्क का भाप में स्टरलाइजेशन करने से इसकी संरचना को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता है।

अध्ययन के सह लेखक और टोरंटो स्थित हॉस्पिटल ऑफ सिक चिल्ड्रेन के ग्रेगरी बोरशेल ने कहा कि कम लागत वाली इस प्रक्रिया को मास्क के फिल्टर को प्रभावित किए बिना 10 बार प्रयोग किया जा सकता है। अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने एन95 मास्क के चार मॉडल का विभिन्न तापमान और आद्रता में परीक्षण किया। इसके बाद शोधकर्ताओं ने मास्क के फाइबर नमूनों और उसके कार्य का मूल्यांकन किया।

एन95 मास्क की कमी को दूर हो सकती है

अध्ययन में कहा गया है कि 10 बार स्टरलाइजेशन के बाद ना केवल मास्क का फाइबर पूरी तरह सुरक्षित था बल्कि इसका फिल्टर भी पूरी तरह ठीक था। शोधकर्ताओं का मानना है कि अस्पतालों और दूसरे स्वास्थ्य केंद्रों में इस तकनीकी का प्रयोग करके हम एन95 मास्क की कमी को दूर कर सकते हैं।

दुनियाभर में कोरोना का कहर जारी

दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है। अब तक दुनियाभर में कोरोना के एक करोड़ 80 लाख से ज्यादा मामले सामने आ गए हैं और छह लाख 86 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा अमेरिका प्रभावित हुआ है। यहां अभी तक 46 लाख से ज्यादा मामले सामने आ गए हैं और एक लाख 54 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। ब्राजील इस मामले में दूसरे नंबर पर है। यहां अब तक 27 लाख 33 हजार 677 मामले सामने आए हैं। वहीं  94,104 लोगों की मौत हो गई है। वहीं भारत में 17 लाख से ज्यादा मामले सामने आ गए हैं और 37 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।

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