अमेरिका ने की ऐतिहासिक पेरिस जलवायु समझौते अलग होने की शुरुआत, यूएन को दी फैसले की जानकारी

Paris climate accord अमेरिका ने पेरिस जलवायु समझौते से अलग होने के अपने फैसले पर अमल करते हुए समझौते से हटने की सूचना औपचारिक रूप से संयुक्त राष्ट्र को दे दी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Tue, 05 Nov 2019 01:52 PM (IST) Updated:Tue, 05 Nov 2019 03:11 PM (IST)
अमेरिका ने की ऐतिहासिक पेरिस जलवायु समझौते अलग होने की शुरुआत, यूएन को दी फैसले की जानकारी
अमेरिका ने की ऐतिहासिक पेरिस जलवायु समझौते अलग होने की शुरुआत, यूएन को दी फैसले की जानकारी

वाशिंगटन, पीटीआइ। अमेरिका ने वर्ष 2015 में हुए पेरिस जलवायु समझौते से हटने की औपचारिक सूचना संयुक्त राष्ट्र (यूएन) को दे दी है। ग्लोबल वार्मिग से मुकाबले के लिए हुए इस ऐतिहासिक समझौते पर भारत समेत 188 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने पेरिस समझौते से अमेरिका के बाहर होने के संदर्भ में सोमवार को संयुक्त राष्ट्र में औपचारिक नोटिस दाखिल किया। 

उन्होंने कहा, 'पेरिस समझौते से अमेरिका के हटने की प्रक्रिया आज शुरू हो गई। समझौते के नियमों के तहत अमेरिका ने अपने हटने के बारे में यूएन को औपचारिक तौर पर सूचित कर दिया है। सूचना देने के एक साल बाद यह प्रभावी होगा।' संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस के प्रवक्ता ने इस पर कहा, 'पेरिस समझौते के अनुच्छेद 28 के अनुसार अमेरिका इससे बाहर हो सकता है। उसने महासचिव को लिखित सूचना दी है।'

ट्रंप ने किया था हटने का एलान

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक जून, 2017 को पेरिस समझौते से अमेरिका के हटने का एलान किया था। लेकिन समझौते से अमेरिका के हटने की प्रक्रिया यूएन को औपचारिक सूचना देने के साथ शुरू हुई है। अमेरिका चार नवंबर, 2020 को समझौते से बाहर हो जाएगा। अमेरिका ने इस समझौते पर 22 अप्रैल, 2016 को हस्ताक्षर किए थे।

राष्ट्रपति ने बताए थे ये कारण

ट्रंप ने कहा था कि पेरिस समझौते का अमेरिकी हितों पर काफी बुरा असर पड़ रहा है। इससे अमेरिका के व्यापार और रोजगार भी प्रभावित हो रहे हैं। ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान पेरिस समझौते को अमेरिका के लिए गलत बताते हुए इससे हटने का वादा किया था।

पीएम मोदी की भी रही अहम भूमिका

फ्रांस की राजधानी पेरिस में 2015 में हुए संयुक्त राष्ट्र के जलवायु सम्मेलन में इस समझौते को अपनाया गया था। खतरनाक ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन में कमी लाने के मकसद से तैयार किए गए पेरिस समझौते में ट्रंप के पूर्ववर्ती बराक ओबामा और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अहम भूमिका निभाई थी।

डेमोक्रेट्स ने जताया एतराज

पेरिस समझौते से हटने के ट्रंप प्रशासन के फैसले पर विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने कड़ा एतराज जताया है। संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा की स्पीकर और डेमोक्रेट नेता नैंसी पेलोसी ने कहा, 'जलवायु परिवर्तन का बढ़ता संकट हमारे अस्तित्व के लिए खतरा पैदा कर रहा है। पेरिस समझौते से अमेरिका के हटने का राष्ट्रपति ट्रंप का फैसला चौंकाने वाला और गैरजिम्मेदाराना है।'

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