अमेरिका ने चीन की कंपनी हुआवे और जेडटीई को देश के लिए खतरा बताया, लगाई कारोबार पर पाबंदी

अमेरिका के संघीय संचार आयोग (एफसीसी) ने चीन की कंपनी हुआवे और जेडटीसी कॉर्प को देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताते हुए किसी तरह के कारोबार पर पाबंदी लगा दी है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 01 Jul 2020 01:16 AM (IST) Updated:Wed, 01 Jul 2020 07:31 AM (IST)
अमेरिका ने चीन की कंपनी हुआवे और जेडटीई को देश के लिए खतरा बताया, लगाई कारोबार पर पाबंदी
अमेरिका ने चीन की कंपनी हुआवे और जेडटीई को देश के लिए खतरा बताया, लगाई कारोबार पर पाबंदी

 वाशिंगटन, रायटर। अमेरिका के संघीय संचार आयोग (एफसीसी) ने मंगलवार को औपचारिक रूप से चीन की कंपनी हुआवे और जेडटीसी कॉर्प को देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताते हुए इनके साथ किसी तरह के कारोबार पर पाबंदी लगा दी है। आयोग के इस सख्त कदम के बाद अमेरिकी कंपनियों को इन चाइनीज कंपनियों से उपकरण हासिल करना संभव नहीं होगा। अमेरिकी कंपनियां सरकार से मिले 8.3 अरब डालर से ग्रामीण क्षेत्र के संचार नेटवर्क को दुरुस्त करने के लिए चाइनीज कंपनियों से उपकरण हासिल करने को लालायित थीं। 

दोनों चाइनीज कंपनियों के उपकरण हटाने होंगे 

दरअसल अमेरिकी दूरसंचार नियामक ने नवंबर में 5-0 के बहुमत कहा था कि मौजूदा ग्रामीण सिस्टम से पुराने उपकरण बदलने के लिए वे दो चीनी कंपनियों को अनुमति नहीं दे सकते। एफसीसी के अध्यक्ष अजीत पई ने कहा कि हम चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को अपने नेटवर्क की कमजोरियों का फायदा उठाने की न अनुमति दे सकते हैं और न ही देंगे। हुआवे और जेडटीई ने अभी तक इस मामले में कोई बयान नहीं दिया है हालांकि ये दोनों पहले सरकार के रवैये की आलोचना करती रही हैं। 

चीन के उपकरणों पर नहीं किया जा सकता भरोसा 

एफसीसी के आयुक्त जेफ्री स्टा‌र्क्स ने मंगलवार को कहा कि अमेरिकी नेटवर्क में अविश्वसनीय उपकरण कायम हैं। चीन के उपकरणों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। इन्हें हटाने के लिए अमेरिकी कांग्रेस को धन आवंटित करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मई 2019 में एक कार्यकारी आदेश में दोनों चाइनीज कंपनियों के बनाए उपकरणों को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताकर अमेरिकी कंपनियों से उपकरण खरीदने पर रोक लगा दी थी।

 ट्रंप प्रशासन ने उस साल हुआवे को काली सूची में भी डाल दिया था। गौरतलब है कि चीनी कंपनियों पर अब भारत के अलावा दूसरे देशों से बैन की कार्रवाई हो रही है। पहले भारत ने कई चीनी कंपनियों का समझौते को रद किया। उसके बाद 59 चीनी  ऐप पर रोक लगाई गई है।

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