ट्रंप ने कहा- अफगान शांति प्रक्रिया को पलीता लगा सकता है भारत-पाक तनाव

अगर तनाव कम नहीं होता है तो इसकी बहुत संभावना है कि पाकिस्तान अपने सैनिकों को अफगानिस्तान से हटाकर भारत से लगी सीमा पर तैनात कर दे।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 04 Mar 2019 11:12 PM (IST) Updated:Tue, 05 Mar 2019 01:00 AM (IST)
ट्रंप ने कहा- अफगान शांति प्रक्रिया को पलीता लगा सकता है भारत-पाक तनाव
ट्रंप ने कहा- अफगान शांति प्रक्रिया को पलीता लगा सकता है भारत-पाक तनाव

वाशिंगटन, रायटर। अमेरिका का मानना है कि भारत-पाक के बीच बढ़ रहा तनाव अफगानिस्तान में चल रही शांति की प्रक्रिया को पलीता लगा सकता है। यही वजह है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से दोनों परमाणु संपन्न राष्ट्रों से तनाव कम करने को कहा है। बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान के साथ चल रहे 17 वर्षो से अधिक संघर्ष को समाप्त करने की कोशिशों में पाकिस्तान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक पाकिस्तान के साथ बातचीत में भारत के साथ तनाव और युद्ध के खतरे को कम करने पर बल दिया गया था, लेकिन इस्लामाबाद ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर एक तरह से अमेरिका को चेतावनी दे दी। उसने कहा कि अगर तनाव बना रहता है तो इस्लामाबाद अफगान शांति वार्ता का समर्थन करने में असमर्थ होगा। यही नहीं पाकिस्तान ने तालिबान के साथ मध्यस्थता नहीं करने की भी धमकी दी।

खेल बिगाड़ सकता है पाकिस्तान

विदेश विभाग के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी लॉरेल मिलर ने कहा, 'मुझे यह पता है कि अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने की पाकिस्तान में क्षमता नहीं है, लेकिन वह वहां अशांति बनाए रखने की क्षमता जरूर रखता है।

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के पूर्व विशेष प्रतिनिधि डॉन फेल्डमैन ने कहा कि भारत के साथ तनाव के लिए जिम्मेदार कई पाकिस्तानी अधिकारी अफगानिस्तान की स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं। अगर यह तनाव जारी रहता है तो शांति वार्ता प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के दक्षिण एशिया पर कम ध्यान केंद्रित करने से समस्या पैदा हो सकती है।

वाशिंगटन में एक पाकिस्तानी अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि अगर तनाव कम नहीं होता है तो इसकी बहुत संभावना है कि पाकिस्तान अपने सैनिकों को अफगानिस्तान से हटाकर भारत से लगी सीमा पर तैनात कर दे।

अमेरिका में पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने बताया कि तनाव बरकरार रहने पर इस्लामाबाद का पूरा ध्यान भारत के साथ लगती अपनी पूर्वी सीमा पर स्थानांतरित हो सकता है। यह हमारे पश्चिमी मोर्चे पर हमारे प्रयासों को प्रभावित कर सकता है। 

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