अफ्रीकी देशों के खिलाफ विवादित टिप्पणी पर ट्रंप का बयान, कहा-'मैं RACIST नहीं हूं'

शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने ट्रंप के द्वारा किए इस टिप्पणी को नस्लभेदी करार दे दिया था।

By Srishti VermaEdited By: Publish:Mon, 15 Jan 2018 11:28 AM (IST) Updated:Tue, 16 Jan 2018 07:22 AM (IST)
अफ्रीकी देशों के खिलाफ विवादित टिप्पणी पर ट्रंप का बयान, कहा-'मैं RACIST नहीं हूं'
अफ्रीकी देशों के खिलाफ विवादित टिप्पणी पर ट्रंप का बयान, कहा-'मैं RACIST नहीं हूं'

वाशिंगटन (आइएनएस)। अफ्रीकी देशों के नागरिकों पर किए विवादित टिप्पणी के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सफाई दी है। उन्होंने कहा कि वे रेसिस्ट नहीं हैं। बता दें कि उनकी विवादित टिप्पणी के बाद उनकी काफी आलोचना की गई थी। वाशिंगटन पोस्ट में छपे एक लेख में ट्रंप के हवाले से लिखा गया है 'नहीं, मैं रेसिस्ट नहीं हूं। मैं आपको बता सकता हूं कि जिसते भी साक्षात्कार दिए हैं उनमें से मैं सबसे कम नस्लभेदी हूं।'

किया था 'शिटहोल्स' शब्द का प्रयोग

बता दें कि पिछले सप्ताह ओवल बैठक में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सल्वाडोर, हैती और अन्य अफ्रीकन देशों से आए लोगों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा था कि इन देशों से आए हुए लोग क्यों अमेरिका में रह रहे हैं। इस दौरान उन्होंने इन नागिरकों के लिए नस्लभेदी शब्द (Sh..hole) का प्रयोग किया था। उनकी इस विवादित टिप्पणी के बाद उनकी काफी आलोचना की गई थी।

ट्रंप ने किया खंडन

हालांकि उस दौरान बैठक में मौजूद सीनेटर टॉम कॉटन और डेविड पर्ड्यू ने कहा कि उन्हें याद नहीं है कि ट्रंप ने कब इस तरह की टिप्पणी की थी। ट्रंप ने शुक्रवार को एक ट्वीट कर इस बात को स्पष्ट किया कि उन्होंने ऐसी कोई विवादित टिप्पणी नहीं की है।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग ने की आलोचना

वहीं शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने ट्रंप के द्वारा किए इस टिप्पणी को नस्लभेदी करार दे दिया था। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्च आयोग के प्रवक्ता रुपर्ट कोलविले ने गुरुवार को हुए एक बैठक में ट्रंप के इस टिप्पणी की घोर निंदा की थी। उन्होंने कहा, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा किए गए यह टिप्पणी काफी शर्मनाक है। मुझे दुख है लेकिन इस टिप्पणी को नस्लभेदी के अलावा और कुछ नहीं कहा जा सकता है।

रविवार को किए एक ट्वीट में ट्रंप ने कहा ओबामा काल के आव्रजन कार्यक्रम डीएसीए (DACA) अब पूरी तरह मर चुका है। इसके बावजूद संघीय सरकार ने शनिवार को उसी के लिए आवेदन स्वीकार करने की प्रक्रिया फिर से शुरु की।

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