संयुक्त राष्ट्र का जन्म ही इसलिए हुआ कि हर तरह के आतंक का खात्मा हो- पीएम नरेन्द्र मोदी

पीएम ने भाषण में जन कल्याण से जग कल्याण की प्रतिबद्धता दोहराई। पीएम की भारत में सिंगल यूज प्लास्टिक बंद करने की बात पर आमसभा में बजीं तालियां।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Fri, 27 Sep 2019 10:10 PM (IST) Updated:Fri, 27 Sep 2019 10:10 PM (IST)
संयुक्त राष्ट्र का जन्म ही इसलिए हुआ कि हर तरह के आतंक का खात्मा हो- पीएम नरेन्द्र मोदी
संयुक्त राष्ट्र का जन्म ही इसलिए हुआ कि हर तरह के आतंक का खात्मा हो- पीएम नरेन्द्र मोदी

न्यूयार्क, आशुतोष झा। बात जहां से शुरू हुई थी खत्म भी वहीं हुई। संयुक्त राष्ट्र महाधिवेशन में विश्र्व नेताओं के सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह सपष्ट कर दिया कि भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिया है और इसीलिए आतंक के खिलाफ आवाज उठाता है तो इसमें गंभीरता भी होती है और आक्रामकता भी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ दुनिया को भी एकजुट होना चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र का जन्म ही इसलिए हुआ कि हर तरह के आतंक का खात्मा हो, इसमें किसी भी तरह का बंटवारा ठीक नहीं होगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से पहले अपने भाषण में प्रधानमंत्री का साफ संदेश था की भारत में संयम है तो खुद को सुरक्षित रखने का बल भी। यही कारण है कि उन्होंने आक्रामता शब्द का उपयोग किया।

पिछले एक सप्ताह में प्रधानमंत्री ने यूं तो अमेरिका सहित दो दर्जन देशों के साथ अलग-अलग बैठकें कर विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की लेकिन केंद्र में शुरू से आतंकवाद ही था। जिस तरह पाकिस्तान खेमेबाजी की नाकाम कोशिशें कर रहा है उसमें यह तय था कि इस मंच से भी पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को उठाने की कोशिश करेगा।

यही हुआ भी। यही कारण है कि मोदी ने एक जिम्मेदार देश की तरह बिना किसी का नाम लिए विश्र्व को आगाह किया कि इससे लड़ना ही होगा। ध्यान रहे कि अगर मोदी के पहले साल से भी बात करें तो 2014 में इसी मंच से मोदी ने सभी पड़ोसी देशों के साथ मित्रता की बात की थी लेकिन नवाज शरीफ कश्मीर राग अलापने से नहीं चूके थे।

उसके बाद हर बार महाधिवेशन में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज आयीं थी और दोनों ओर से तीखे आरोप प्रत्यारोप हुए थे। इस बार पाकिस्तान की ओर यह कोशिश होती रही। जब महाधिवेशन में विश्र्व नेता अपनी बात रख रहे थे तो यूएनओ बिल्डिंग के बाहर पाकिस्तानी कश्मीर का राग अलाप रहे थे और उसके विरोध में भारत के समर्थक खड़े थे।

आतंक से परे मोदी ने देश में तेजी से हो रहे विकास का हवाला देते हुए दुनिया को आश्र्वस्त किया की 2022 तक नया भारत खड़ा होगा। उन्होंने कहा कि टीबी उन्नमूलन के लिए जहां दुनिया ने 2030 का लक्ष्य रखा गया है, वहीं भारत 2025 तक इसे पूरा कर लेगा। प्रधानमंत्री ने सिंगल यूज्ड प्लास्टिक से भारत को मुक्त कराने का वादा भी दोहराया। प्रधानमंत्री की इस बात पर आम सभा में देर तक तालियां बजती रहीं।

तमिल दार्शनिक कनियन और विवेकानंद को किया याद

संयुक्त राष्ट्र आम सभा के सत्र में वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए साझा प्रयासों के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने प्रख्यात तमिल दार्शनिक कनियन पुनगुनद्रानर और चिंतक-विचारक विवेकानंद को याद किया कि वे किस तरह दुनिया को एक बनाना चाहते थे, क्योंकि विभाजित विश्व किसी के हित में नहीं है।

मोदी ने कहा, कनियन ने तीन हजार साल पहले लिखा था- हमारा संबंध हर जगह और हर किसी से है। सवा सौ साल पहले महान विचारक विवेकानंद ने शिकागो में दुनिया को सौहार्द्र और शांति का संदेश दिया था। मोदी ने कहा, आज पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़े लोकतंत्र का संदेश यही है-सौहार्द्र और शांति।

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