टूथपेस्‍ट चुनने को लेकर हो जाएं सावधान, बच्‍चों के लिए बन सकते हैं घातक

बच्चे के दांतों को मोती बनाने की चाहत में माता-पिता खूब सारा टूथपेस्ट लगाकर दिन में दो बार ब्रश कराने पर जोर देते हैं। यह सही नहीं है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Thu, 07 Feb 2019 10:12 AM (IST) Updated:Thu, 07 Feb 2019 10:13 AM (IST)
टूथपेस्‍ट चुनने को लेकर हो जाएं सावधान, बच्‍चों के लिए बन सकते हैं घातक
टूथपेस्‍ट चुनने को लेकर हो जाएं सावधान, बच्‍चों के लिए बन सकते हैं घातक

द न्यूयॉर्क टाइम्स, वाशिंगटन। ज्यादा टूथपेस्ट यानी ज्यादा साफ दांत। लोगों के मन में इस अवधारणा को स्थापित करने में विभिन्न विज्ञापनों की बड़ी भूमिका रहती है। प्राय: हर विज्ञापन यही दिखाता है कि ब्रश पर एक सिरे से दूसरे सिरे तक ज्यादा मात्रा में टूथपेस्ट लगा होना चाहिए। जितना टूथपेस्ट, उतना झाग, उतनी ही ज्यादा मुंह की सफाई। बात जब बच्चों की होती है तो मातापिता पूरी शिद्दत से इसी अवधारणा को जीने की कोशिश करते हैं।

बच्चे के दांतों को मोती बनाने की चाहत में माता-पिता खूब सारा टूथपेस्ट लगाकर दिन में दो बार ब्रश कराने पर जोर देते हैं। यह सही नहीं है। अगर आप भी ऐसे ही माता-पिता हैं, तो जरा संभल जाएं। आपकी यह चाहत बच्चे के दांतों पर भारी पड़ सकती है। बाजार में उपलब्ध अधिकतर टूथपेस्ट में फ्लोराइड होता है। कंपनियां इसका इस्तेमाल दांतों को चमकाने और मजबूत बनाने के लिए करती हैं। लेकिन फ्लोराइड की अधिकता दांतों को नुकसान पहुंचाती है। इससे यूं तो सबको नुकसान है, लेकिन बच्चों में यह और ज्यादा घातक है।

कितना टूथपेस्ट है पर्याप्त?
बच्चों के लिए मोती के आकार जितना टूथपेस्ट पर्याप्त होता है। तीन साल से छोटे बच्चों को फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट नहीं कराना ही सर्वश्रेष्ठ है। अगर टूथपेस्ट कराने की जरूरत लगती हो, तब भी बमुश्किल चावल के दाने जितना टूथपेस्ट काफी है। एक अध्ययन के मुताबिक, तीन से छह साल के 40 फीसद से अधिक बच्चे स्वीकृत मात्रा से ज्यादा फ्लोराइड का सेवन कर लेते हैं।

कमी भी घातक, अधिकता भी घातक
फ्लोराइड की कुछ मात्रा दांतों की मजबूती के लिए जरूरी है। अगर फ्लोराइड की कमी हो जाए तो दांतों का इनेमल कमजोर हो जाता है। वहीं इसकी अधिकता दांतों की गंभीर बीमारी डेंटल फ्लोरोसिस का कारण बन सकती है। इस बीमारी में दांतों का विकास बाधित हो जाता है और दांत बेहद कमजोर हो जाते हैं। दांतों पर धब्बे भी पड़ने लगते हैं। फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा हो जाए तो हड्डियों को भी कमजोर कर सकता है।

बच्चों पर ज्यादा प्रभाव
फ्लोराइड वाले टूथपेस्ट से बच्चों को खतरा होने की बड़ी वजह यह है कि बच्चे टूथपेस्ट को पूरी तरह थूकते नहीं, बल्कि ज्यादातर गटक लेते हैं। टूथपेस्ट गटक लेने की यही आदत उन पर भारी पड़ती है। शरीर में ज्यादा मात्रा में फ्लोराइड पहुंचना उन्हें नुकसान पहुंचाता है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि बच्चों के लिए बिना फ्लोराइड वाले टूथपेस्ट लाएं या बहुत सीमित मात्रा में टूथपेस्ट का प्रयोग करें।

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