वैज्ञानिकों ने खोजा बिच्छू का सबसे पुराना जीवाश्म, समुद्र के साथ-साथ जमीन पर भी रहने में था सक्षम

अमेरिका की ओटेरबिन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक एंड्रयू वेंडरुफ ने कहा कि बिच्छू ऐसे जानवरों में शुमार है जो समुद्र से जमीन पर चले गए थे।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Sun, 19 Jan 2020 09:33 PM (IST) Updated:Sun, 19 Jan 2020 09:37 PM (IST)
वैज्ञानिकों ने खोजा बिच्छू का सबसे पुराना जीवाश्म, समुद्र के साथ-साथ जमीन पर भी रहने में था सक्षम
वैज्ञानिकों ने खोजा बिच्छू का सबसे पुराना जीवाश्म, समुद्र के साथ-साथ जमीन पर भी रहने में था सक्षम

न्यूयॉर्क, प्रेट्र। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने अब तक के सबसे पुराने बिच्छू के जीवाश्म का खोज निकाला है। माना जाता है कि आज से लगभग 43.7 करोड़ साल पहले इन बिच्छुओं का अस्तित्व मौजूद था। शोधकर्ताओं मानना है कि इस अध्ययन के निष्कर्षो से यह पता लग सकता है कि पृथ्वी के निर्माण के बाद जीव-जंतुओं ने खुद को कैसे जमीन पर रहने के अनुकूल बनाया होगा।

पेरियोस्कॉर्पियो वेनेटर (पी. वेनेटर) नामक इस बिच्छू के बारे में साइंटिफिक रिपो‌र्ट्स नामक जर्नल में विस्तार से बताया गया है। इसमें बताया गया है कि यह बिच्छू अब तक का सबसे पुराना बिच्छू है, जो अपने समुद्री निवास स्थानों को छोड़ने के साथ-साथ जमीन पर भी उतरने में सक्षम था।

अमेरिका की ओटेरबिन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक एंड्रयू वेंडरुफ ने कहा कि बिच्छू ऐसे जानवरों में शुमार है जो समुद्र से जमीन पर चले गए थे। हालांकि, उन्होंने कहा कि उनके पास सीमित जीवाश्म रिकॉर्ड हैं, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो सकता कि वे कब और कैसे स्थलीय जीवन के लिए अनुकूलित हुए होंगे।

इस अध्ययन के लिए वेंडरुफ और उनके सहयोगियों ने अमेरिका के विस्कॉन्सिन में खोजी गई एक अज्ञात प्रजाति के बिच्छू के दो संरक्षित नमूनों का आकलन किया, ये नमूने 43.7 करोड़ साल पहले सिलुअरी काल के हैं।

शोधकर्ताओं ने कहा कि इस पी. वेनेटर में वे सभी खूबियां मौजूद हैं जो एक समुद्री जीव में होती हैं। इसके अलावा इसके पास आधुनिक बिच्छुओं की तरह डंक मारने वाली एक पूंछ भी होती थी।

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