जलवायु परिवर्तन से शिकार नहीं कर पा रहे ध्रुवीय भालू, भूख से तोड़ रहे दम

जीव-जंतुओं के लिए घातक होता जा रहा है मौसम में बदलाव।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Sat, 03 Feb 2018 10:58 AM (IST) Updated:Sun, 04 Feb 2018 07:46 AM (IST)
जलवायु परिवर्तन से शिकार नहीं कर पा रहे ध्रुवीय भालू, भूख से तोड़ रहे दम
जलवायु परिवर्तन से शिकार नहीं कर पा रहे ध्रुवीय भालू, भूख से तोड़ रहे दम

लॉस एंजिल्स (प्रेट्र)। जलवायु परिवर्तन तेजी से विकराल रूप लेता जा रहा है। यह किस कदर अपना असर दिखा रहा है इसे हम अपने आसपास महसूस भी कर रहे हैं। सर्दी और गर्मी के महीनों में परिवर्तन हो रहा है। कहीं, बेहद ज्यादा सर्दी पड़ रही है तो कहीं गर्मी अपने रिकॉर्ड तोड़ रही है। इसके नकारात्मक असर जीवों पर भी पड़ने शुरू हो गए हैं। अभी कुछ समय पहले एक अध्ययन में सामने आया था कि जलवायु परिवर्तन के चलते मछलियों का आकार छोटा हो रहा है।

इसी कड़ी में एक और चिंताजनक बात सामने आई है। इसमें बताया गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण पोलर बीयर (ध्रुवीय भालू) भूख से दम तोड़ रहे हैं। इसमें बताया गया है कि इस सुंदर जीव को जलवायु परिवर्तन के कारण ठीक से शिकार नहीं कर पा रहे हैं, जिसके चलते इन्हें पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पा रही है। इस वजह से इनकी संख्या धरती पर तेजी से कम हो रही है।

जर्नल साइंस में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, ध्रुवीय भालू की उच्च चयापचय दर (मेटाबॉलिक रेट) अभी तक के ज्ञात अनुमान से अधिक है। इसके अलावा जलवायु परिवर्तन से वसा युक्त भोजन की तलाश करने वाले इस जीव की शिकार करने की क्षमता प्रभावित हो रही है। जलवायु परिवर्तन से शिकार नहीं कर पा रहे ध्रुवीय भालू, भूख से तोड़ रहे दम

40 फीसद कम हो गए

शोधकर्ता 1980 से ब्यूफोर्ट सागर क्षेत्र में ध्रुवीय भालू पर अध्ययन कर रहे हैं। इस जीव के हालिया आबादी के अनुमान में सामने आया है कि बीते दशकों में इनकी संख्या 40 फीसद तक कम हुई है। अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सांता क्रूज के एंथनी पागानो के मुताबिक, हमारे अध्ययन में सामने

आया है कि जलवायु परिवर्तन का असर इस जीव के शरीर की दशा और जीवित रहने की दर पर पड़ रहा है। इसके चलते इनकी संख्या तेजी से कम हो रही है।

अध्ययन में सामने आया है कि अब वे अपना प्रिय शिकार शील को उतनी क्षमता से पकड़ने में सक्षम नहीं हैं। यदि जलवायु परिवर्तन का असर यूं ही जारी रहता है तो ये सुंदर जीव इस धरती से विलुप्त भी हो सकते हैं। 

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