इराकी नोबेल पुरस्कार विजेता बोलीं- महामारी में महिलाओं के साथ हिंसा में हुआ इजाफा

कोरोना वायरस महामारी की वजह से लिंग आधारित हिंसा में वृद्धि देखने को मिली है। मानवाधिकार कार्यकर्ता नादिया मुराद ने संयुक्त राष्ट्र के एक कार्यक्रम में कहा कि सबसे कमजोर लोगों के खिलाफ शोषण में बढ़ोतरी आई है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Tue, 01 Dec 2020 03:20 PM (IST) Updated:Tue, 01 Dec 2020 03:20 PM (IST)
इराकी नोबेल पुरस्कार विजेता बोलीं- महामारी में महिलाओं के साथ हिंसा में हुआ इजाफा
महामारी के दौरान घरेलू हिंसा की रिपोर्टों में वृद्धि हुई है।

संयुक्त राष्ट्र, एपी। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नादिया मुराद ने कहा कि कोरोनो वायरस महामारी के दौरान महिलाओं की तस्करी और लिंग आधारित हिंसा में वृद्धि हुई है। 27 वर्षीय इराकी मानवाधिकार कार्यकर्ता ने कहा कि वायरस के प्रसार को धीमा करने के लिए सरकारों द्वारा लगाए गए कर्फ्यू, लॉकडाउन और यात्रा प्रतिबंध की वजह से दुनिया भर में महिलाओं पर अनपेक्षित परिणाम सामने आए हैं।

उन्होंने कहा कि मानव तस्करी और लिंग आधारित हिंसा को कम करने के बजाय महामारी ने सबसे कमजोर लोगों के खिलाफ शोषण और क्रूरता के जोखिम को बढ़ा दिया है। महामारी के दौरान घरेलू हिंसा की रिपोर्टों में कई देशों में वृद्धि देखने को मिली है।

मुराद ने कहा कि घर पर रहने के आदेश से घरेलू तनाव तेज हो गए हैं। इसके परिणाम स्वरूप महिलाओं को स्वास्थ्य समस्याओँ का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक की कई महिलाओं के लिए मनोवैज्ञानिक सहायता या स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंचना मुश्किल हो गया है।

नादिया मुराद उन हजारों महिलाओं और लड़कियों में शामिल थी, जिन्हें 2014 में इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों द्वारा यौन गुलाम बनाने के लिए पकड़ लिया गया था। इराक में आईएस के आतंकियों ने नादिया की मां और छह भाइयों को मार डाला था। इराक से भागने के बाद नादिया ने जर्मनी में शरण ली और 2018 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला।

संयुक्त राष्ट्र की महिला के प्रमुख फुमज़िले मलाम्बो ने कहा कि वैश्विक स्तर पर 72 फीसद तस्करी का शिकार महिलाएं और लड़कियां होती हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी 4.7 करोड़ से अधिक महिलाओं और लड़कियों को अत्यधिक गरीबी में धकेल दिया है, लेकिन इस दौरान तस्करों का व्यापार फल फूल रहा है।

जर्मनी के विदेश कार्यालय के राज्य मंत्री मिशेल मुंटफेरिंग ने कहा कि कोरोनोव वायरस लैंगिक समानता के लिए लड़ाई को और भी महत्वपूर्ण बनाता है। उन्होंने कहा कि हम यौन और लिंग-आधारित हिंसा और मानव तस्करी को बढ़ने की अनुमति नहीं देंगे। इसेके लिए मिशेल ने मुराद और अन्य को समर्थन देने का वादा किया।

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