बेशेट इसी साल करेंगी चीन का दौरा, उइगर मुसलमानों के साथ हो रहे गंभीर उत्पीड़न का लगाएंगी पता
बेशेट पर पश्चिमी देशों की ओर से लगातार दबाव पड़ रहा है कि वह चीन के उइगर बहुल प्रांत शिनजियांग जाएं और शिविरों में रखे गए दस लाख से अधिक उइगर मुसलमानों और टर्की के मुसलमानों की बदहाली का जायजा लें।
जेनेवा, रायटर। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि वह शिनजियांग क्षेत्र समेत चीन का इस साल दौरा करेंगे। ताकि उइगर मुसलमानों के साथ हो रहे गंभीर उत्पीड़न की रिपोर्टो की जांच कर सकें। ऐसा पहली बार है कि मिशेल बेशेट ने सार्वजनिक रूप से चीन के दौरे की एक समयसीमा बताई हो। जबकि उनका कार्यालय सितंबर, 2018 में इस सिलसिले में कोई रास्ता निकालने की कोशिश कर रहा है।
बेशेट पर पश्चिमी देशों की ओर से लगातार दबाव पड़ रहा है कि वह चीन के उइगर बहुल प्रांत शिनजियांग जाएं और शिविरों में रखे गए दस लाख से अधिक उइगर मुसलमानों और टर्की के मुसलमानों की बदहाली का जायजा लें। इन शिविरों में इन अल्पसंख्यक मुसलमानों को बंधुआ मजदूर बनाकर रखा गया है। हालांकि चीन हमेशा से इन आरोपों से इन्कार करता रहा है। साथ ही चीन ने इन शिविरों को धार्मिक कट्टरवाद के बजाय वोकेशनल ट्रेनिंग का केंद्र बताया है।
मानवाधिकार परिषद सत्र में बेशेट ने बताया कि वह दौरे की तैयारियों पर चीन से बात कर रही हैं। साथ ही वह स्वायत्त क्षेत्र शिनजियांग का भी विधिवत दौरा करना चाहती हैं जहां उइगर मुसलमान रहते हैं।
बेशेट ने परिषद को बताया कि हांगकांग पर एक साल पहले ही राष्ट्रीय सुरक्षा कानून थोपा जा चुका है। इससे वहां की लोकतांत्रिक परिस्थितियों और मीडिया पर बुरा असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस कानून से अब तक 107 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और 57 लोगों पर औपचारिक रूप से आरोप लगाए गए हैं।