Covid-19 treatment: कोरोना का संभावित इलाज खोजने वाली भारतीय मूल की 14 वर्षीय अनिका चेब्रोलु पुरस्कृत

वैश्विक महामारी की चुनौतियों के बीच टेक्सास के स्कूल में पढ़ने वाली 14 वर्षीय भारतीय मूल की छात्रा अनिका चेब्रोलु ने कोरोना वायरस संक्रमण के संभावित उपचार को लेकर एक खोज किया है जिसके लिए उन्हें 18 लाख रुपये की रकम बतौर पुरस्कार दिया गया है।

By Monika MinalEdited By: Publish:Mon, 19 Oct 2020 03:02 PM (IST) Updated:Mon, 19 Oct 2020 03:12 PM (IST)
Covid-19 treatment: कोरोना का संभावित इलाज खोजने वाली भारतीय मूल की 14 वर्षीय अनिका चेब्रोलु पुरस्कृत
संक्रमण के उपचार के लिए भारतवंशी लड़की पुरस्कृत

ह्यूस्टन, प्रेट्र। एक ओर जहां पूरी दुनिया किसी तरह कोविड-19 महामारी से निजात पाने के लिए वैक्सीन पर शोध कर रही है वहीं मात्र 14 वर्ष की लड़की ने कुछ ऐसा खोज निकाला है जो इस घातक वायरस के संक्रमण से निजात दिला सकती है। अमेरिका में भारतीय मूल की एक छात्रा ने कोरोना वायरस से मुकाबले की दिशा में अपने शोध के लिए 25 हजार डॉलर यानि करीब 18 लाख रुपये का इनाम जीता है। उसके इस शोध कार्य से कोरोना के लिए उपचार मुहैया हो सकता है।

यह घातक वायरस अपने इसी प्रोटीन के जरिये अपना संक्रमण फैलाता है। अनिका ने बताया कि वह पिछले साल इंफ्लुएंजा से गंभीर रूप से बीमार हुई थी और इसलिए वह इसका इलाज खोजना चाहती थी। लेकिन बाद में कोरोना महामारी शुरू होने के बाद उसने अपना इरादा बदल दिया था। अमेरिकी कंपनी थ्रीएम द्वारा कराई गई इस प्रतियोगिता के फाइनल में अनिका समेत दस प्रतिभागी शामिल हुए थे।

यह घातक वायरस अपनी प्रोटीन से ही संक्रमण फैलाता है और इसे ही निष्क्रिय करने के लिए अनिका ने एक मॉलिक्यूल की खोज कर ली है।अनिका ने अपनी खोज में in-silico प्रक्रिया का इस्तेमाल कर एक मॉलिक्यूल को खोज निकाला जो सार्स कोविड-2 वायरस (SARS-CoV-2 virus) के स्पाइक प्रोटीन के साथ जुड़ जाएगा।  अनिका ने एबीसी न्यूज को बताया, 'मैंने इस मॉलिक्यूल  को विकसित किया जो वायरस की उस प्रोटीन के साथ जुड़ सकता है और इसके बाद यह प्रोटीन अपना काम करना बंद कर देगा।' अनिका ने सीएनएन से बताया कि 8वीं कक्षा में उन्होंने अपना प्रोजेक्ट सबमिट कर दिया था। 

अनिका ने आगे बताया, 'महामारी, वायरस और ड्रग डिस्कवरी पर रिसर्च में काफी समय बिताने के बाद यह सोचना काफी अजीब था कि वास्तव में मैं ऐसी ही चीजों के साथ रह रही हूं।' भारतीय अमेरिकी स्कूली छात्रा ने कहा, ' कोविड-19 महामारी के कारण इतने कम समय में दुनिया में हुए विनाशकारी प्रभाव को देखते हुए मेरे मेंटर की मदद से मैंने SARS-CoV-2 वायरस को खत्म करने के लिए दिशा बदल दी।  

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