भारत और संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशन में प्रौद्योगिकी साझेदारी के लिए MoU पर करेंगे हस्ताक्षर

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में उच्च स्तरीय कार्यक्रमों की अध्यक्षता करने के लिए न्यूयॉर्क में मौजूद भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात की और अफगानिस्तान के मुद्दे पर भी चर्चा की।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Wed, 18 Aug 2021 06:12 AM (IST) Updated:Wed, 18 Aug 2021 06:12 AM (IST)
भारत और संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशन में प्रौद्योगिकी साझेदारी के लिए MoU पर करेंगे हस्ताक्षर
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचे हैं न्यूयार्क

न्यूयॉर्क, एएनआइ। भारत और संयुक्त राष्ट्र (United Nation) बुधवार को शांति मिशन में प्रौद्योगिकी के लिए साझेदारी के समर्थन में एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर और संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में शांति स्थापना में प्रौद्योगिकी के लिए साझेदारी के समर्थन में भारत और संयुक्त राष्ट्र के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में उच्च स्तरीय कार्यक्रमों की अध्यक्षता करने के लिए न्यूयॉर्क में मौजूद जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात की और अफगानिस्तान के मुद्दे पर भी चर्चा की।

जयशंकर ने ट्वीट कर कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मिलकर अच्छा लगा। कल सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद हमारी चर्चा अफगानिस्तान पर केंद्रित रही।

यूएनएससी में हिस्सा लेने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर हैं एस जयशंकर

बता दें कि भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना और आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की दो उच्च स्तरीय बैठकों की अध्यक्षता करने के लिए सोमवार को न्यूयॉर्क पहुंचे हुए हैं। इस दौरान भारतीय विदेश मंत्री18 और 19 अगस्त को दो उच्च स्तरीय बैठकों की अध्यक्षता करेंगे। 18 अगस्त को पहला कार्यक्रम 'प्रोटेक्टर्स द प्रोटेक्टर्स: टेक्नोलॉजी एंड पीसकीपिंग' पर एक खुली बहस होगी, जबकि 19 अगस्त को दूसरा कार्यक्रम 'आतंकवादी कृत्यों के कारण अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरे' पर एक उच्च स्तरीय ब्रीफिंग होगी।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की अपनी पारी के दौरान ये दोनों मुद्दे भारत के लिए प्राथमिकताएं हैं। 'शांति व्यवस्था' पर खुली बहस 'संरक्षकों की रक्षा' के विषय पर केंद्रित होगी, जिसमें शांति सैनिकों की सुरक्षा और सुरक्षा बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीकी उपकरणों के उपयोग के माध्यम से और शांति मिशनों को उनके जनादेश को प्रभावी ढंग से और कुशलता से प्रभावित करने में सहायता करना शामिल है।

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