विश्व मीडिया में भी छाया Hyderabad Encounter; जानिए, इस मामले को लेकर विदेशी अखबारों ने क्या कहा

Hyderabad Encounter दैनिक द वाशिंगटन पोस्ट ने विस्तृत खबर में लिखा कि भारत में आम लोगों ने चारों आरोपितों के मारे जाने पर खुशी जताई है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Fri, 06 Dec 2019 10:25 PM (IST) Updated:Sat, 07 Dec 2019 01:03 AM (IST)
विश्व मीडिया में भी छाया Hyderabad Encounter; जानिए, इस मामले को लेकर विदेशी अखबारों ने क्या कहा
विश्व मीडिया में भी छाया Hyderabad Encounter; जानिए, इस मामले को लेकर विदेशी अखबारों ने क्या कहा

वाशिंगटन, प्रेट्र। दुष्कर्म के बाद हत्या के आरोपितों को हैदराबाद पुलिस द्वारा मार गिराने की खबर को विश्वभर की मीडिया में भी प्रमुख स्थान मिला। ज्यादातर खबरों में पुलिस कार्रवाई की सराहना की गई, लेकिन कुछ खबरों में इसको लेकर सवाल भी उठाए गए।

दैनिक 'द वाशिंगटन पोस्ट' ने विस्तृत खबर में लिखा कि भारत में आम लोगों ने चारों आरोपितों के मारे जाने पर खुशी जताई है। लेकिन कार्यकर्ताओं और वकीलों ने इस मुठभेड़ पर सवाल उठाए हुए इसे गैर न्यायिक प्रक्रिया बताया है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पुलिस ने इसे आत्मरक्षा में की गई कार्रवाई बताया है। वहीं, सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि पुलिस आत्मरक्षा की कहानी बताकर बच जाती है।

झकझोर देने वाली घटना का स्तब्धकारी अंत

'द न्यूयॉर्क टाइम्स' ने महिला चिकित्सक की दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना को हाल के दिनों की सबसे गंभीर घटना बताते हुए कहा है कि शुक्रवार की सुबह इस झकझोर देने वाली घटना का स्तब्धकारी अंत हो गया। अखबार आगे लिखता है कि मुठभेड़ को अंजाम देने वाले पुलिसकर्मियों को हीरो बताया जा रहा है, उनकी सराहना हो रही है, उन पर फूल बरसाए जा रहे हैं। लोग सड़कों पर उतरकर खुशियां मना रहे हैं।

सीएनएन ने भी इस खबर को प्रमुखता दी है। महिला चिकित्सक की दुष्कर्म के बाद हत्या और उसको लेकर देश भर में पनपे आक्रोश के बारे में बताते हुए सीएनएन ने कहा है कि रैलियों में शामिल लोग आरोपितों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे थे।

निर्भया की घटना का भी हुआ जिक्र

बीबीसी ने इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया को लेकर खबर दी है। लोग पुलिस की सराहना करते हुए कह रहे हैं कि न्याय हो गया। निर्भया की घटना का जिक्र करते हुए बीबीसी ने कहा है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर तब बहुत आवाज उठी थी, लेकिन अपराध में कोई कमी नहीं आई।

ब्रिटिश समाचार पत्र 'द गार्जियन' और 'द टेलीग्राफ' ने भी एनकाउंटर को प्रमुखता के साथ जगह दी है। द टाइम्स ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि महिला चिकित्सक के साथ बर्बरता के खिलाफ लोगों में भारी गुस्सा था। लोगों के गुस्से के चलते आरोपितों को कोर्ट में भी पेश नहीं किया जा सका था।

chat bot
आपका साथी