मंगल पर है विशाल भूमिगत झील, बहते पानी का स्रोत मिलने से बढ़ी जीवन की उम्मीद

अमेरिकी जर्नल 'साइंस' में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा है कि मंगल पर बर्फ के नीचे स्थित झील करीब 20 किलोमीटर चौड़ी है।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Thu, 26 Jul 2018 08:46 AM (IST) Updated:Thu, 26 Jul 2018 11:47 AM (IST)
मंगल पर है विशाल भूमिगत झील, बहते पानी का स्रोत मिलने से बढ़ी जीवन की उम्मीद
मंगल पर है विशाल भूमिगत झील, बहते पानी का स्रोत मिलने से बढ़ी जीवन की उम्मीद

वाशिंगटन [ एएफपी ] । मंगल ग्रह पर पहली बार विशाल भूमिगत झील का पता चला है। इससे वहां अधिक पानी और साथ ही जीवन की उपस्थिति की उम्मीदें बढ़ गई हैं। अमेरिकी जर्नल 'साइंस' में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा है कि मंगल पर बर्फ के नीचे स्थित झील करीब 20 किलोमीटर चौड़ी है।

यह मंगल ग्रह पर मिला बहते पानी का सबसे बड़ा स्रोत है। यह खोज यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के मार्स एक्सप्रेस ऑर्बिटर की मदद से की गई है। इस यान को 2003 में लॉन्च किया गया था। ऑस्ट्रेलिया की स्विनबर्न यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर एलन डफी ने कहा कि इससे जीवन के अनुकूल परिस्थितियों की संभावना बढ़ी है।

एलन हालांकि इस अध्ययन का हिस्सा नहीं हैं। मंगल ग्रह अब ठंडा, बंजर और सूखा है, लेकिन कभी यह गर्म और नमी वाला हुआ करता था। करीब 3.6 अरब साल पहले यह बहते पानी और झीलों का ठिकाना था। वर्तमान समय में वैज्ञानिक वहां पानी के संकेतों का पता लगाने के प्रयास में हैं, क्योंकि ये खोज उस रहस्य की कुंजी है कि मंगल पर कभी जीवन था या नहीं।

इससे यह भी पता चल सकेगा कि मंगल अभी जीवन के अनुकूल है या नहीं। अध्ययन में जिस झील के मिलने की बात है, उसका पानी पीने लायक नहीं है। यह बहता पानी बर्फीली सतह के करीब 1.5 किलोमीटर नीचे मौजूद है। इस बहते पानी में जीवन की संभावना को लेकर वैज्ञानिकों को संदेह है।

यह झील बहुत ठंडी है और इसमें बहुत सा नमक व अन्य मिनरल घुले हैं। इसका तापमान शुद्ध जल के हिमांक (जिस तापमान पर पानी बर्फ बन जाता है) से कम है, फिर भी मैग्नीशियम, कैल्शियम और सोडियम की उपस्थिति के कारण झील का पानी जमा नहीं है।

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