उत्सर्जन हेराफेरी के मामले में 4,500 करोड़ रुपये देकर मुकदमा सुलझाएगी फिएट
एनवॉरमेंट प्रोटेक्शन एजेंसी (ईपीए) सहित अमेरिका के कई विभागों ने कंपनी पर 2017 में मुकदमा किया था।
न्यूयॉर्क, एएफपी। फिएट क्रिस्लर डीजल कारों में उत्सर्जन हेराफेरी के एक मुकदमे को सुलझाने के लिए करीब 4,500 करोड़ रुपये (करीब 65 करोड़ डॉलर) का भुगतान करने के लिए तैयार हो गई है। कंपनी पर आरोप है कि उसने अपने डीजल वाहनों के इंजन में एक यंत्र लगाया था, जो उत्सर्जन जांच के दौरान गलत परिणाम देता था। कंपनी संघीय सरकार और कैलीफोर्निया को 30.5 करोड़ डॉलर हर्जाने का भुगातन करेगी।
अमेरिका के कई विभागों ने कंपनी पर 2017 में मुकदमा किया था
कंपनी डीजल रैम 1500 ट्रक और जीप ग्रैंड चेरोकी एसयूवी (2014, 2015 और 2016 मॉडल वर्ष) के 1,04,000 मालिकों को भी औसतन 2,500 डॉलर देगी। वाहन मालिकों को होने वाला यह भुगतान कुल 26 करोड़ डॉलर से ऊपर जा सकता है। कंपनी विभिन्न प्रांतों द्वारा दाखिल किए गए मुकदमों का निपटारा करने के लिए सिविल पेनाल्टी में करीब 7.2 करोड़ डॉलर का भी भुगतान करेगी। इसके अलावा वह अन्य दावों का निपटारा करने के लिए 60 लाख डॉलर का भुगतान भी करेगी।
एनवॉरमेंट प्रोटेक्शन एजेंसी (ईपीए) सहित अमेरिका के कई विभागों ने कंपनी पर 2017 में मुकदमा किया था। इन विभागों ने आरोप लगाया था कि कंपनी ने अपने वाहनों के इंजन में अवैध यंत्र लगाए थे, जो कुछ खास परिचालन परिस्थितियों में प्रदूषण नियंत्रण के गलत आंकड़े देता था।
ईपीए ने कहा कि यंत्र की बदौलत वाहन उत्सर्जन जांच में पास हो जाता था, लेकिन साधारण परिचालन में इन वाहनों से निर्धारित सीमा से अधिक प्रदूषण होता था। समझौते के तहत फिएट क्रिस्लर को अपनी गलती स्वीकार करने की जरूरत नहीं होगी।
कंपनी पर जांच शुरू होने से पहले फॉक्सवैगन की उत्सर्जन धोखाधड़ी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया था।