चीन ने ठुकराया अमेरिका का निमंत्रण, सिंगापुर में नहीं होगी दोनों देशों के रक्षा प्रमुखों के बीच बैठक

पेंटागन के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल पैट राइडर ने बताया कि चीन ने अमेरिका को इस बारे में जानकारी दी है कि उन्होंने सिंगापुर में देश के रक्षा मंत्री ली शांगफू से मुलाकात करने के अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है।

By AgencyEdited By: Publish:Tue, 30 May 2023 07:54 AM (IST) Updated:Tue, 30 May 2023 07:54 AM (IST)
चीन ने ठुकराया अमेरिका का निमंत्रण, सिंगापुर में नहीं होगी दोनों देशों के रक्षा प्रमुखों के बीच बैठक
चीन ने ठुकराया अमेरिका का निमंत्रण (फाइल फोटो)

वाशिंगटन, एजेंसी। चीन ने अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और चीन के रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू के बीच सिंगापुर में एक बैठक के लिए यूएस के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है। पेंटागन ने सोमवार को कहा कि अमेरिका ने चीन से रक्षा प्रमुखों के बीच एक बैठक के लिए अनुरोध किया था, जिसे अस्वीकार कर दिया है।

चीन ने ठुकराया अमेरिकी रक्षा मंत्री का निमंत्रण

पेंटागन के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल पैट राइडर ने बताया कि चीन ने अमेरिका को इस बारे में जानकारी दी है कि उन्होंने सिंगापुर में देश के रक्षा मंत्री ली शांगफू से मुलाकात करने के अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है।

साल 2021 के बाद से कई अनुरोधों को किया अस्वीकार

एक वरिष्ठ अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने कहा कि साल 2021 के बाद से चीन के कई प्रमुख नेताओं ने रक्षा विभाग के एक दर्जन से अधिक अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया। साथ ही चीन ने स्थायी संवाद के लिए आयोजित होने वाले कार्यक्रमों का जवाब देने से भी इनकार किया है।

सिंगापुर के दौरे पर रहेंगे अमेरिकी रक्षा मंत्री

ली शांगफू को रूसी हथियार खरीदने के लिए साल 2018 में अमेरिकी सरकार द्वारा मंजूरी दी गई थी। पेंटागन का कहना है कि ऑस्टिन उसके साथ आधिकारिक व्यापार करने से नहीं रोकता है। बता दें कि ऑस्टिन इस सप्ताह के अंत में सिंगापुर के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वह एक रक्षा शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।

चीन-अमेरिका के बीच बढ़ा तनाव

उल्लेखनीय है कि अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन और चीन के पूर्व रक्षा मंत्री वेई फेंघे ने साल 2022 में कंबोडिया में कई मुद्दों को लेकर मुलाकात की थी। हालांकि, इस साल वाशिंगटन और बीजिंग के बीच तनाव देखने को मिला है। इसकी एक बड़ी वजह हाल ही में दोनों देशों के बीच हुई घटनाओं को माना जा रहा है।

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